जालंधर में मां बगलामुखी धाम में हुआ हवन यज्ञ, नवजीत बोले- मां बगलामुखी का दर्शन पाप, ताप और अभिशाप का नाश करता है
जालंधर में मां बगलामुखी धाम नजदीक लम्मा पिंड चौक होशियारपुर रोड पर साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। मां भक्तों को आहुतियां डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने सभी मां भक्तों को कहा कि सत्य और ईमान का रास्ता स्वर्ग में जाकर खत्म होता है।
जालंधर, जेएनएन। जालंधर में मां बगलामुखी धाम नजदीक लम्मा पिंड चौक होशियारपुर रोड पर स्थित गुलमोहर सिटी में धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले पं. पिंटू शर्मा ने नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार, गौरी, गणोश, कुंभ पूजन, मां बगलामुखी जी के निमति माला जाप कर मुख्य यजमान प्रदीप शर्मा से सपरिवार पूजा-अर्चना उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाईं। यज्ञ में उपस्थित मां भक्तों को आहुतियां डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने सभी मां भक्तों को कहा कि सत्य और ईमान का रास्ता स्वर्ग में जाकर खत्म होता है, लेकिन हमारा दुर्भाग्य आज यह है कि सत्यवादी और ईमानदारों का अकाल सा पड़ गया है। ऐसे माहौल में हवन यज्ञ का महत्व और भी बढ़ जाता है, इसलिए प्रयास कर हवन यज्ञ अवश्य करें।
नवजीत भारद्वाज ने कहा कि सर्दी में नहाने और कर्ज चुकाने में शुरू में थोड़ा कष्ट तो होता है, परंतु बाद में बहुत आराम मिलता है। इसी प्रकार जहर खाकर मरने में और विषय भोग करने में शुरू में थोड़ा सुकून मिलता है, परंतु बाद में बड़ी सजा भुगतनी पड़ती है। ऐसे ही तपस्या कटु होती है, लेकिन अंत स्वर्ग होता है और कुकर्म और विषय भोग का फल भी इसी प्रकार मधुर लगता है, लेकिन अंत नर्क होता है। उन्होंने उपस्थित मां भक्तों को धर्म का अर्थ समझाते हुए कहा कि हवन यज्ञ का अर्थ मां बगलामुखी का संग कर अपना कल्याण करना है। अध्यात्म के आकाश में संत इंसानियत का इंद्रधनुष है। यज्ञ अपनत्व के आंगन में आत्मीयता की आराधना, विकृति के बाजार में संस्कृति का शंखनाद है।
अंत में उन्होंने कहा कि गंगा सिर्फ आप का, चंद्रमा सिर्फ ताप का और कल्पवृक्ष अभिशाप का नाश करती है। लेकिन मां बगलामुखी का दर्शन पाप, ताप और अभिशाप तीनों का नाश करता है। इसलिए मां बगलामुखी का संग हमेशा करें, जिससे आपका कल्याण होगा। हवन यज्ञ के दौरान सोशल डिस्टेंस एवं सैनिटाइजेशन का खास ध्यान रखा गया। इस अवसर पर मुकेश चौधरी, विक्रम भसीन, अशोक शर्मा, विक्रांत शर्मा, गोपाल मालपानी, राघव चढ्ढा, समीर कपूर, अश्विनी शर्मा, सोनू छाबड़ा, संजीव शर्मा, संजीव सांवरिया, मुनीश शर्मा, रोहित बहल, पंकज, करन वर्मा, राजेश महाजन, मानव शर्मा, बावा खन्ना, मोहित बहल, राजीव, दिशांत शर्मा, अशोक शर्मा, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, साबी, लक्की, सुनील जग्गी, प्रिंस, पंकज, प्रवीण सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।
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