डेढ़ महीने बाद भी जांच में शामिल नहीं हुआ हार्दिक अरोड़ा, डीसीपी ने बदला जांच अधिकारी
जालंधर हाइट्स में रहने वाली महिला को अश्लील मैसेज भेजने के मामले में शनिवार को नए अधिकारी लगाए जाएंगे। डीसीपी गुरमती सिंह ने आदेश दिए हैं कि यदि हार्दिक खुद जांच में शामिल नहीं होता तो उसे गिरफ्तार कर जालंधर लाया जाए।
जालंधर, जेएनएन। जालंधर हाइट्स में रहने वाली महिला को अश्लील मैसेज भेजने वाला गुरुग्राम के सेक्टर 47 निवासी हार्दिक अरोड़ा डेढ़ महीने बाद भी पुलिस जांच में शामिल नहीं हुआ। उसकी जांच में लगाए गए पुलिस अफसरों के ढीले रवैये के चलते अब डीसीपी गुरमीत सिंह ने सारे जांच अधिकारी बदल दिए हैं। वहीं एसीपी धर्मपाल को भी कहा कि मामले की जांच अब नए थानेदार को दी जाए। शनिवार को इस मामले में अब नए अधिकारी लगाए जाएंगे। डीसीपी गुरमीत सिंह ने आदेश दिए हैं कि यदि हार्दिक खुद जांच में शामिल नहीं होता तो उसे गिरफ्तार कर जालंधर लाया जाए।
वर्णनयोग्य है कि हार्दिक बीमारी का बहाना बना कर जालंधर पुलिस की जांच में शामिल नहीं हो रहा था। करीब डेढ़ महीने पहले पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर उसे समन भेजा था और उसे सात दिन में पेश होने के लिए कहा था। सात दिन पूरे होने बाद सोमवार को उसने मेडिकल भेज कर अपनी तबीयत ठीक न होने की बात कही। उसने मेडिकल के साथ लगाई अर्जी में कहा कि उसे कोरोना के लक्षण हैं तो उसे कुछ दिन आराम करने दिया जाए। ठीक होने के बाद वो खुद पेश हो जाएगा। पुलिस ने उसे फोन कर संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन वह संपर्क में नहीं आया। पुलिस ने वीडियो कॉल की लेकिन उस पर उसका कोई जवाब नहीं आया।
एसीपी धर्मपाल ने बताया कि आरोपित जांच में शामिल न होने के लिए बहाने बना रहा था जिसके चलते अब नए जांच अधिकारी लगा कर उनको उसे गिरफ्तार करने के लिए भेजा जाएगा। बीते दिनों जालंधर हाइट्स की रहने वाले महिला ने पुलिस कमिश्नर गुुरप्रीत सिंह भुल्लर को दी थी कि गुरुग्राम का रहने वाले हार्दिक सोशल मीडिया पर उसे अश्लील मैैसेज भेजता था। उन्होंने कई बार उसे मना किया लेकिन वो नहीं मान रहा था।
उसने बताया था कि हार्दिक की मां के साथ उसके पति के अवैध संबंध थे। इसी वजह से वो उसे तंग करता था। एक दिन उसके मैसेज उनकी बेटी ने पढ़ लिए जिससे वो डिप्रेशन में चली गई। इसके बाद हार्दिक को फिर से मना किया लेकिन वो नहीं मान रहा था। शिकायत के आधार पर पुलिस ने हार्दिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। एसीपी धर्मपाल ने आरोपित को जांच में शामिल होने के लिए सात दिन का नोटिस जारी किया था लेकिन वो नहीं आया।