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खेल-खेल मेंः जिम इंस्ट्रक्टर किसे बताएं दर्द, कोरोना काल में रोटी के पड़ गए लाले

शराब के ठेके भी खुल गए लेकिन जिम नहीं खुले। अब जिम ट्रेनरों ने सोशल मीडिया के सहारे अपनी बात प्रशासन तक पहुंचाने में जुट हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 01:57 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 01:57 PM (IST)
खेल-खेल मेंः   जिम इंस्ट्रक्टर किसे बताएं दर्द, कोरोना काल में रोटी के पड़ गए लाले
खेल-खेल मेंः जिम इंस्ट्रक्टर किसे बताएं दर्द, कोरोना काल में रोटी के पड़ गए लाले

जालंधर, [कमल किशोर]। दो महीने से जिम बंद पड़े हुए हैं। जिम में काम करने वाले ट्रेनर अपना दर्द किसे बताएं, ये उन्हेंं समझ नहीं आ रहा। लॉकडाउन से पहले हर इंस्ट्रक्टर जिम से प्रति महीना दस से तीस हजार रुपये कमा लेता था। जिम बंद होने के बाद अब ट्रेनर बेरोजगार हो गए हैं। जिम से उनकी रोजी-रोटी चल रही थी। अब खाने के भी लाले पड़ गए हैं। ट्रेनर को एक जून से जिम खुलने की उम्मीद थी। जिम ना खुलने से वे मायूस हैं। एक जिम ट्रेनर ने सोशल मीडिया में फोटो पोस्ट करके लिखा 'रोजगार से बेरोजगार हुए फिटनेस ट्रेनर'। पोस्ट शेयर करने वाले जिम ट्रेनर सुधीर पाठक ने कहा कि शहर में हर दुकान खुल चुकी है। यहां तक कि शराब के ठेके भी खुल चुके हैं। प्रशासन को ट्रेनर की रोजी-रोटी की तरफ भी ध्यान देना चाहिए ताकि वह भी जीवन की जरूरतों को पूरा कर सकें।

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परगट का वीडियो हुआ वायरल
पूर्व ओलंपियन परगट सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी किए बीस लाख करोड़ रुपये पैकेज को एक जुमला बताया। जालंधर कैंट से विधायक परगट सिंह की इस संबंधी सोशल मीडिया में वीडियो तेजी से वायरल हो रही है। जिसमें पूर्व ओलंपियन कह रहे हैं कि केंद्र सरकार ने जो बीस लाख करोड़ रुपये का जुमला छोड़ा, उसकी क्या बात है। इस तरह का जुमला भाजपा सरकार ही छोड़ सकती है। लॉकडाउन के दौरान जरूरी सुविधाएं ना मिलने के कारण मजदूर हजारों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घरों को जा रहे हैं। मोदी सरकार को गरीबों से कोई लेना देना नहीं है। मोदी सरकार तो धीरे धीरे देश को भी अंबानी व अडानी के हवाले कर देगी। परगट ने मोदी सरकार से निवेदन किया है कि गरीब के खाते में दस हजार रुपये डाले जाएं ताकि उनके घर का चूल्हा जल सके। ताकि वह भी अपनी जरूरत का सामान खरीद सके।

खिलाडिय़ों के प्रदर्शन की चिंता
कोचों को दो माह घर में रहने के बाद खिलाडिय़ों के प्रदर्शन की चिंता सता रही है। खिलाड़ी मैदान में आने के बाद ही तीन चार महीने में पहले जैसी लय पा सकेगा। कोरोना को लेकर लगे कफ्र्यू का सबसे अधिक नुकसान खिलाडिय़ों को हुआ है। खिलाड़ी जब तक मैदान में आकर शारीरिक गतिविधियां नहीं करेंगे, तब तक वह बढिय़ा प्रदर्शन नहीं दे पाएंगे। जुलाई में बिना दर्शकों के खेल टूर्नामेंट करवाने की योजना है। ऐसे में बिना तैयारी के उनके प्रदर्शन पर असर पडऩा तय है। खिलाडिय़ों को अब सबकुछ नए सिरे से शुरू करना होगा। सीनियर क्रिकेट कोच हरजिंदर सिंह हैरी कहते हैं कि खिलाड़ी लगातार प्रैक्टिस करता रहे तो उसकी लय बनी रहती है। इन दिनों प्लेयर्स को लगभग दो माह की ब्रेक मिली है। ऐसे में पुरानी लय पाने में उन्हेंं समय लगेगा। इसलिए चिंता सता रही है कि खिलाड़ी बढिय़ा प्रदर्शन कर पाएंगे या नहीं।

सुरक्षा को लेकर पूल बंद

कोविड-19 वायरस के कारण खिलाडिय़ों व बाहर से आने वालों की सुरक्षा के मद्देनजर स्पोट््र्स कॉलेज का स्विमिंग पूल बंद रखा गया है। पिछले वर्ष अप्रैल व मई में स्विमिंग पूल शुरू हो गया था। इस दौरान नए खिलाड़ी स्विमिंग सीखने आते थे और इनमें से बेहतर खिलाडिय़ों का चयन करके टीम चुनी जाती थी। स्पोट््र्स स्कूल की सीटें भी भर जाती थी। जिला खेल अधिकारी गुरप्रीत सिंह ने कहा कि वायरस की दहशत के कारण फिलहाल पूल को बंद रखा है। खिलाडिय़ों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उनकी सेहत का ख्याल रखना भी विभाग का काम है। फिलहाल अभी स्विमिंग पूल को खोलने की कोई योजना नहीं है। अगर एक भी खिलाड़ी कोरोना पॉजीटिव पाया जाता है तो सभी खिलाडिय़ों को क्वारंनटाइन करना पड़ेगा। खिलाडिय़ों की सुरक्षा के मद्देनजर खेल विभाग की ओर से जारी गाइडलाइंस के मुताबिक ही विभिन्न खेलों की ट्रेनिंग करवाई जाएंगी।


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