अद्भुत, अलौकिक, अविश्वसनीय... 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित सहज पाठ का बनाया विश्व कीर्तिमान
श्री गुरु नानक देव जी के साथी भाई मरदाना की याद में बने दीवान हाल में शनिवार को एक अलौकिक अद्भुत व आनंदित करने वाला नजारा देखने को मिला।
कपूरथला [हरनेक सिंह जैनपुरी]। श्री गुरु नानक देव जी के साथी भाई मरदाना की याद में बने दीवान हाल में शनिवार को एक अलौकिक, अद्भुत व आनंदित करने वाला नजारा देखने को मिला। दूधिया रोशनी से नहाए व ताजा फूलों की भीनी-भीनी खुशबू के बीच हाल में बैठी हजारों संगत। न कोई शोर और न आवाज। सिर्फ और सिर्फ गुरबाणी का पाठ। सुबह 11 बजे 25 हजार सहज पाठों के एक साथ भोग डाले गए तो ऐसे लगा मानो संगत पर गुरु की आपार कृपा साक्षात झलक रही हो।
यह अद्भुत नजारा सिर्फ सुल्तानपुर लोधी के गुरुद्वारा बेर साहिब में ही नहीं दिखा, बल्कि देशभर में सवा तीन लाख लोगों ने एक साथ एक ही समय पर सहज पाठ के भोग डाले। 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित यह अविश्वसनीय कार्यक्रम एसजीपीसी व 'सिख हेल्पिंग सिख' के जतिंदर सिंह के नेतृत्व में आयोजित किया गया।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, धार्मिक संस्थाओं, स्कूलों, कॉलेजों व विभिन्न गुरुद्वारों के सहयोग से देश विदेश में एक अक्टूबर से सवा तीन लाख सहज पाठ संयुक्त तौर पर चल रहे थे जिनका शनिवार को भोग डाला गया। इससे पहले सुबह ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में गुरमति समागम के दौरान पंजाब व बाहरी प्रदेशों से बड़ी संख्या में सहज पाठ करने वाली संगत बाबा नानक का नाम लेते हुए पहुंची।
समारोह का आकर्षण रहा कि सभी ने पीली दस्तारों व दुपट्टे व सफेद वस्त्र पहने थे। संगत के साथ श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, एसजीपीसी अध्यक्ष भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह, पूर्व प्रधान बीबी जागीर कौर व डॉ. उपिंदरजीत कौर सहित अन्य शख्सियतों ने भी भाग लिया। बीबी जागीर कौर का दावा है कि इतनी बड़ी संख्या में एक साथ सहज पाठ के भोग डाल कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया गया है।
एसजीपीसी अध्यक्ष भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कहा कि हम किस्मत वाले हैं कि हमारे जीवन में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव का ऐतिहासिक मौका आया। अलग-अलग समारोह के तहत एसजीपीसी ने प्रकाशोत्सव में ज्यादा से ज्यादा 'गुरु नानक नाम लेवा' की शमूलियत करवाने के लिए पंजाब व बाहरी राज्यों में धर्म प्रचारकों से गांवों, शहरों व कस्बों की संगत को प्रेरित कर सहज पाठ शुरू करवाए।
खुशी की बात है कि इसमें संगत ने उत्साह से भाग लिया। संगत से अपील की कि वे अपने बच्चों को भी गुरुबाणी के साथ जोड़े। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने 550वें प्रकाशोत्सव को समर्पित सहज पाठ करने वाली संगत को बधाई देते गुरुबाणी के उपदेशों अनुसार जीवन जीने की प्रेरणा दी।
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