कोरोना काल में छोड़ी नौकरी, तैयार किए आर्गेनिक सेनेटरी पैड
महिलाओं की सेहत और पर्यावरण प्रदूषित होने से बचाने के लिए गुरप्रीत ने आर्गेनिक सेनेटरी पैड बनाना शुरू किया।
प्रियंका सिंह, जालंधर
महिलाओं की सेहत और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए कोरोना काल के दौरान माडल टाउन की गुरप्रीत ने आर्गेनिक सेनेटरी पैड बनाना शुरू किया। माहवारी (पीरियड) के दौरान महिलाओं में बढ़ती परेशानियों व संक्रमण को देखते हुए गुरप्रीत ने पहले एक साल तक इसकी पूरी रिसर्च की कि किस तरह महिलाओं को इस समस्या से निजात दिलाई जाए। इसके लिए उन्होंने मार्केट में उपलब्ध अन्य पैड पर काफी स्टडी करने पर पाया कि महिलाओं में संक्रमण के फैलने का सबसे बड़ा कारण प्लास्टिक पैड है। ज्यादातर महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर, ओवरी कैंसर जैसे अन्य खतरनाक बीमारियों से जूझ रही हैं। उनकी इन समस्याओं को दूर करने के लिए गुरप्रीत ने आर्गेनिक एवं इको फ्रेंडली पैड बनाने शुरू किए। इस सेनेटरी पैड का नाम अफजा रखा है। आर्गेनिक सेनेटरी पैड को गुरप्रीत गांवों एवं स्लम एरिया में जाकर बांटती हैं। साथ ही महिलाओं को सेहत के प्रति जागरूक भी कर रही हैं। गुरप्रीत गांवों के महिलाओं से खुलकर बात करती हैं। इससे पहले गुरप्रीत मार्केटिंग करती थी।
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पहले रिसर्च, फिर काम शुरू
गुरप्रीत ने बताया कि उन्होंने कई महिलाओं को पीरियड के दौरान विभिन्न प्रकार की परेशानियों से जूझते देखा। आज के समय में ज्यादातर महिलाएं बांझपन, ब्रेस्ट कैंसर, ओवरी कैंसर, यूटीआइ इनफेक्शन जैसी कई खतरनाक बीमारियों से जूझ रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है मार्केट में मिल रहे सेनेटरी पैड जो की पूरी तरह से प्लास्टिक के बने हैं। इनमें ज्यादातर में डायाक्सिन नाम का केमिकल पाया जाता है जो कि शरीर के लिए खतरनाक है। बाजार में जो भी सेनेटरी पैड उपलब्ध है उसमें बैक्टीरिया को लाक करने की क्षमता नहीं है। मैंने पहले एक से डेढ़ साल तक पूरी रिसर्च की और फिर अपनी कंपनी में सर्जिकल काटन से आर्गेनिक पैड बनाना शुरू किया। आज तक 500 से भी ज्यादा इको फ्रेंडली पैड गांव में जाकर महिलाओं को बांट चुकी हैं। स्लम एरिया में जाकर पैड बांटने के साथ-साथ वह महिलाओं को इसके फायदे एवं हाइजीन की भी जानकारी दे रही हैं। उन्होंने फेसबुक एवं इंस्टाग्राम पर भी अफजा नाम से पेज बनाया है। इस पेज पर वह देश-विदेश में रह रही महिलाओं को ईको फ्रेंडली पैड की जानकारी देती हैं। गुरप्रीत ने बताया कि बाजार में मिल रहे सेनेटरी नैपकिन वेस्ट प्लास्टिक और पालीबैग, फोर्थ ग्रेड इंडस्ट्रियल वेस्ट से बनाया जाता है। इन पैड में केवल तीन या चार परते होती हैं लेकिन अफजा पैड में 8 परतें हैं जो कि महिलाओं की सेहत के लिए काफी लाभदायक हैं।
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कैसे बेहतर है इको फ्रेंडली पैड
आर्गेनिक तरीके से बनाए गए अफजा पैड में सर्जिकल काटन का इस्तेमाल किया गया है जिसका कोई नुकसान नहीं है। इसमें प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया है। रेशमी और नरम कपास से पर्यवेक्षक सतह आरामदायक और साफ सूखी और मुलायम है। सक्रिय आक्सीजन और नकारात्मक आयन पैडिग अंतरराष्ट्रीय उन्नत प्रौद्योगिकी विशेष पैडिग डिजाइन के साथ स्वस्थ और पर्यावरण के अनुकूल है। इसमें एनायन चिप लगी हुई है जो कि एंटी कैंसर और एंटीबैक्टीरियल है। इस पैड में सोखने की क्षमता 250 फीसद से भी अधिक है।
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पर्यावरण को सुरक्षित रखने में सक्षम
इको फ्रेंडली पैड अफजा पर्यावरण को भी किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है बल्कि इसका इस्तेमाल खाद के रूप में भी किया जा सकता।आर्गेनिक तरीके से बनाए गए अफजा पैड को जमीन में अगर कुछ दिन दबा कर रख दिया जाए तो यह खाद के रूप में तब्दील हो जाता है।