बाबुल का घर बना ¨पगलाघर, परिणय सूत्र में बंधी श¨मदर
गुलाब देवी रोड पर स्थित ¨पगलाघर में रविवार का दिन खास था। जहां पर रोजाना मरीजों की आमद व इन्हें दान देने वालों की आमद होती है, वहां पर शादी की शहनाई बज रही थी।
By Edited By: Published: Tue, 13 Feb 2018 03:21 AM (IST)Updated: Tue, 13 Feb 2018 09:14 AM (IST)
शाम सहगल, जालंधर गुलाब देवी रोड पर स्थित ¨पगलाघर में रविवार का दिन खास था। जहां पर रोजाना मरीजों की आमद व इन्हें दान देने वालों की आमद होती है, वहां पर शादी की शहनाई बज रही थी। एक तरफ प्रबंधकों को संस्थान में जन्मी व पली एक बच्ची द्वारा अपना घर बसाने की खुशी थी, तो वही दूसरी तरफ लंबा अर्सा साथ रही श¨मदर का उनसे जुदा होने का मलाल भी। दरअसल, संस्थान द्वारा पिंगलाघर में जन्मी व पली श¨मदर कौर की रविवार को शादी करवाई गई। टैगोर अस्पताल के नजदीक स्थित गुरुद्वारा बाबा बंदा ¨सह बहादुर में शादी की तमाम रस्में पूरी की गई। लुधियाना के कबीर नगर निवासी गुरमुख ¨सह पुत्र दिलबाग ¨सह के साथ परिणय सूत्र में बंधी श¨मदर कौर भी इस जुदाई के चलते भावुक हो गई। गुलाब देवी रोड पर स्थित ¨पगलाघर में 25 जून 1991 को जन्मी श¨मदर कौर के लिए यही बाबूल का घर था। कारण, इसी जगह पर उसकी परवरिश हुई व यही से उसने शिक्षा ग्रहण करने के साथ-साथ डिप्लोमा करके आत्मनिर्भर भी बनी। श¨मदर बताती है कि फैशन डिप्लोमा करने में भी संस्थान का पूरा सहयोग रहा। यही कारण है कि आज शिक्षा पूरी करने के बाद आत्मनिर्भर भी बन सकी हूं। उन्होंने कहा कि पिंगलाघर ने जितना स्नेह व अपनापन दिया, शायद कोई अपना परिवार भी न दे सके। भावुक हुई श¨मदर ने कहा कि स्टाफ के सदस्यों ने पिता, भाई, बहन व मां के रिश्ते निभाए। यही नही, कई बार तो उसकी जिद्द को भी उन्होंने अपनों की तरह पूरा किया। आज इनसे बिछड़ने का मलाल भी है। वही, पति गुरमुख ¨सह ने कहा कि लड़की को सदैव खुश रखने को प्रयासरत रहूंगा। उन्होंने कहा कि शादी का फैसला परिवार की सहमति के साथ लिया है। गुरु घर में पूरी हुई शादी की रस्में शादी की तमाम रस्में गुरुद्वारा बाबा बंदा ¨सह बहादुर में संपन्न हुई। इस दौरान बारात के स्वागत करने से लेकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी में शादी की रस्में पूरी करने तक को विधिवत पूरा किया गया। इस दौरान संस्थान की तरफ से वैवाहिक जोड़े को उपहार भी दिए गए। इस मौके पर संस्थान की तरफ से गुरप्रीत ¨सह, कंवलजीत ¨सह, डा. राज कुमार. बलदेव ¨सह, रा¨जदर भाटिया व अन्य मौजूद थे।
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