गुरदासपुर में लगातार बढ़ रहा साइबर क्राइम ग्राफ, पुलिस की स्पेशल लैब कसेगी अपराधियों पर नकेल
लोगों को ठगी से बचाने के लिए गुरदासपुर पुलिस ने साइबर क्राइम लैब भी खोली है। एसएसपी डॉ. नायक सिंह ने कहा कि इसमें सब-इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी तैनात है। अब साइबर ठगी करने वालों पर नकेल कसी जाएगी।
बाल कृष्ण कालिया, गुरदासपुर। जिले में लोगों की अज्ञानता की वजह से साल दर साल साइबर क्राइम का ग्राफ बढ़ता ही चला जा रहा है । कभी बैंक से पैसे निकलने की घटना तो कभी वीडियो कालिंग के माध्यम से लोगों को ब्लैकमेल किया जा रहा है। साइबर क्राइम में हैकर नए नए तरीके अपनाकर लोगों से पैसे ठग रहे हैं। अधिकतर लोगों के मोबाइल फोन बैंक के साथ जुड़े होते हैं। इसके चलते ठगों को लूटने में आसानी हो रही है। पिछले 4 सालों की बात करें तो साइबर क्राइम में साल दर साल लगातार वृद्धि हुई है। लोगों को ठगी से बचाने के लिए गुरदासपुर पुलिस ने साइबर क्राइम लैब भी खोली है। एसएसपी डॉ. नायक सिंह के मुताबिक साइबर सेल में बेहतर काम कर रहा है। इसमें सब-इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी तैनात है। अब साइबर ठगी करने वालों पर नकेल कसी जाएगी।
यह है साल दर साल का आंकड़ा
डिजिटलाइजेशन के इस जमाने में हर व्यक्ति मोबाइल फोन से आसानी से करवाने को प्राथमिकता देता है। ऐसे में लोग ठगी का शिकार भी हो जाते हैं। कई बार पैसे डबल करने का लालच तो कई बार लोन लेने के चक्कर में लोगों के साथ ठगी हो रहे हैं। वर्ष 2017 की बात करें तो इस साल गुरदासपुर पुलिस की ओर से करीब 25 ठगी के विभिन्न थानों में मामले दर्ज किए गए। वर्ष 2018 में यह मामले बढ़कर 55 हो गए। 2019 में 65 मामले सामने आए। वर्ष 2020 21 में 100 से अधिक शिकायतें साइबर क्राइम की आईं। इन सभी शिकायतों पर लगातार पुलिस ने बढ़िया काम किया है और कुछ लोगों को ठगी के पैसे भी वापस दिलाए हैं।
केस नंबर 1
गुरदासपुर की एक महिला ने दिल्ली की एक कंपनी से ऑनलाइन लोन लेने के लिए अपने मोबाइल फोन से आवेदन दे दिया। महिला को 1 करोड़ रुपये का लोन चाहिए था। इस पर महिला ने जिस ऐप पर जाकर लोन के लिए आवेदन किया। ठगों ने महिला को लोन जल्द से जल्द सैंक्शन करने की बात कहते हुए उससे करीब 12 लाख रुपये ऐंठ लिए। यह मामला अब गुरदासपुर पुलिस के पास पहुंच चुका है। एसएसपी डा. नानक सिंह का कहना है कि डिजिटलाइजेशन के जमाने के चलते लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। अधिकतर लोगों को जानकारी ना होने की वजह से वह ठगी का शिकार होते हैं।
केस नंबर 2
दीनानगर के प्रिंसिपल के साथ भी हुई छह लाख की ठगी
गुरदासपुर के थाना दीनानगर की रहने वाली एक प्रिंसिपल के साथ छह लाख रुपए की ठगी की हुई थी। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद पीड़ित परिवार को करीब 5 लाख रुपये रिकवर करवा दिए। हालांकि इस मामले में प्रिंसिपल ने एफआइआर भी दर्ज करवाई थी जिसके बाद पुलिस ने एक्शन मोड में आते हुए ठगों को गिरफ्तार किया और उनसे पैसे बरामद किए।
केस नंबर तीन
फेसबुक आईडी बनाकर की ठगी
गुरदासपुर में एक नाम व व्यापारी की डुप्लीकेट फेसबुक आईडी बनाकर उसके ही दोस्तों को रिक्वेस्ट भेज कर पैसों की मांग करने के मामले में पुलिस के पास शिकायत पहुंची थी। यह भी ठगों का एक नया तरीका था। हालांकि इस मामले में ठग ज्यादा रकम तो नहीं हड़प पाते । मगर 5 से दस हजार रुपए की डिमांड जरूर की। जिसकी फेक फेसबुक आईडी बनाई जाती, उसके दोस्तों को कोई गंभीर बहाना बनाकर पैसे पेटीएम या गूगल पे करने को बोला जाता है। लोग अपने दोस्त की लगी तस्वीर देख कर ठगो के झांसे में आकर उसका शिकार हो जाते हैं। पुलिस विभाग लगातार अपना काम करते हुए लोगों को जागरूक कर रहा है।
क्या कहते हैं एसएसपी
साइबर क्राइम पर नकेल कसने के लिए लगातार हाईटेक तरीकों से टीम को अपडेट किया गया है। लोग ऐसे किसी भी वाट्सएप पर आने वाले लिंक को ओपन ना करें। किसी से अपना आधार कार्ड नंबर और ओटीपी शेयर ना करें। लोग जानकार और समझदार बनें ताकि साइबर ठगी को रोका जा सके।