डिब्बे वालों की सफलता के पीछे साइकिल व मुंबई लोक का हाथ
जागरण संवाददाता, जालंधर : डॉ. बी. आर. अंबेडकर एनआईटी जालंधर में विद्यार्थियों के लिए गेस्ट
जागरण संवाददाता, जालंधर : डॉ. बी. आर. अंबेडकर एनआईटी जालंधर में विद्यार्थियों के लिए गेस्ट लेक्चर का आयोजन किया गया। लेक्चर में रिसोर्स पर्सन के रूप में मुंबई की डिब्बावाला एसोसिएशन के प्रवक्ता सुभाष तालेकर ने डिब्बेवालों की सफलता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हम डिब्बा वालों की सफलता के पीछे हमारी मेहनत, साइकिल और मुंबई की लोकल का हाथ है। एक डिब्बेवाले की एक माह की तनख्वाह 15 से 20 हजार के बीच है। हमारे मुंबई के डिब्बेवालों को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ कंपनियों की कार्यकुशलता को मापने के लिए मिलने वाली सिक्स सिग्मा मान्यता मिल चुकी है। दरअसल हम रोजाना दो लाख डिब्बे करीब पांच घंटे में घर से दफ्तर और दफ्तर से घर पहुंचाते हैं। पांच हजार लोग इस काम में हमारे साथ जुटे हुए हैं। कई बार मौसम की खराबी या दुर्घटना के कारण हमारे काम में गलती भी हो जाती है लेकिन इसमें डिब्बे वाले की कोई गलती नहीं होती। बिना किसी तकनीक के अच्छा काम करने की वजह से ही हमें मान्यता प्राप्त हुई है। एनआईटी के डायरेक्टर एलके अवस्थी व रजिस्ट्रार डॉ. रोहित मेहरा इस दौरान मौजूद रहे।