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Ground Report Amritsar: डीसी साहब, तहसीलों और पटवारखानों में अब भी जमे हैं प्राइवेट कारिंदे

मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू की गई मुहिम में आम लोगों ने तो हिस्सा लेना शुरू कर दिया है लेकिन अधिकारी अभी इस मुहिम से दूरी ही बनाए हुए हैैं। अमृतसर में तहसील और पटवारखाने में अब भी प्राइवेट कारिंदे डटे हुए हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Fri, 01 Apr 2022 09:58 AM (IST)Updated: Fri, 01 Apr 2022 09:58 AM (IST)
Ground Report Amritsar: डीसी साहब, तहसीलों और पटवारखानों में अब भी जमे हैं प्राइवेट कारिंदे
प्राइवेट कारिंदे दैनिक जागरण टीम को देखकर सीट से उठकर भाग गए।

विक्की कुमार, अमृतसर। मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू की गई मुहिम में आम लोगों ने तो हिस्सा लेना शुरू कर दिया है, लेकिन अधिकारी अभी इस मुहिम से दूरी ही बनाए हुए हैैं। हालांकि डीसी का दावा है कि उन्होंने अधिकारियों को भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दे रखे हैैं। परंतु यह हवा-हवाई साबित हो रहे हैैं। यही कारण है कि अधिकारियों की नाक तले प्राइवेट लोग अभी भी धड़ल्ले से बेखौफ होकर काम कर रहे हैं। आज तक अधिकारियों ने इन्हें भगाने की कोई कोशिश तक नहीं की। नतीजतन ये लोग वहीं जमे हैैं और लोगों को लूट रहे हैैं।

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वीरवार को दैनिक जागरण की टीम तहसील-वन, तहसील-टू और पटवारखानों में पहुंची तो इसकी भनक लगते ही तहसील वन और टू से प्राइवेट कारिंदे इधर-उधर खिसक गए। दैनिक जागरण की टीम को देखते ही पटवारखाने में चाय की दुकान करने वाली आंटी ने अपना कारिंदा भेजकर सभी को वहां से जाने को कह दिया। बाद में कई घंटे पटवारियों के कारिंदे अपनी सीटों पर नजर नहीं आए। दूसरी तरफ सरकार की सख्ती का अधिकारियों पर यह असर हुआ है कि वे अब समय पर दफ्तर आने लगे हैं। अब लोगों के काम समय पर जरूर होने लगे हैं।

सरकारी रिकार्ड की फोटोकापी और दस्तावेज रजिस्टर्ड करवाने का काम भी ये कर रहे

तहसील वन और टू में अधिकारियों ने अपने प्राइवेट कारिंदे रखे हुए हैं। ये लोग सरकारी रिकार्ड की फोटोकापी करवाने से लेकर दस्तावेज रजिस्टर्ड करवाने के बाद उन्हें बही खाते में पेस्ट करने का काम करते हैैं। यहां तक कि पब्लिक को रजिस्ट्रियां डिलीवर करने का काम भी यही कर रहे हैं। दोनों तहसीलों में स्टे रिपोर्ट लेने के लिए काउंटर बनाए गए हैं। उनकी रिपोर्ट देने वाले भी प्राइवेट काङ्क्षरदे ही हैं। यह रिपोर्ट रजिस्ट्री करवाने से पहले जरूरी होती है। इसमें देखा जाता है कि किसी जमीन पर लोन या कोई कोर्ट केस तो नहीं चल रहा।

छह मरले की जगह को 66 कर की रजिस्ट्री पर दर्ज हुआ था केस

रजिस्ट्री की नकल लेने के लिए तहसीलों में विंडों बनाई गई है। यहां भी प्राइवेट लोग काम कर रहे हैं और यही रिकार्ड की फोटोकापी करवाकर लोगों को देते हैं। इन सभी अहम जगहों पर प्राइवेट कारिंदों द्वारा काम किए जाने से साफ है कि अधिकारियों की सिफारिशों से ही वे यहां पर टिके हुए हैं। अगर किसी रिकार्ड में छेड़छाड़ हो जाए तो इसका जिम्मेदार कौैन होगा? कुछ महीने पहले ही विजिलेंस ने एक मामला दर्ज किया था, जिसमें छह मरले की जगह को 66 मरले करके रजिस्ट्री करवाई गई थी। इसमें वकील, वसीका नवीस सहित कई लोगों पर मामला दर्ज हुआ था।

पटवारी अभी भी प्राइवेट कारिंदों से काम करवा रहे

पटवारियों को भी पंजाब में नई बनी आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर से जारी आदेशों की परवाह नहीं है। वे अभी भी अपने अधीन प्राइवेट कारिंदों को लगाकर काम करवा रहे हैैं। सरकारी रिकार्ड भी इन्ही के हाथ में रहता है। ये लोग इंतकाल दर्ज करने का काम, जमाबंदी जारी करनी, बैंक लोन के लिए 15 साल का रिकार्ड, जारी करने का काम करते हैैं। गिरदावरी एंट्री करनी, जाति और रेजिडेंसी सर्टिफिकेट के लिए बनाई जाने वाली रिपोर्ट भी यही बनाते हैं। इसके बाद पटवारी उन पर हस्ताक्षर करते हैं। इतना ही नहीं रोजनामचा भी ये कारिंदे बनाने का काम कर रहे हैं।

कई पटवारियों ने बनाए अपने प्राइवेट दफ्तर

पटवारियों ने काम करने के लिए अपने अलग दफ्तर भी बना रखे हैं। कुछ पटवारियों ने दरगाह नटपीर शाह के सामने मार्केट में अपना दफ्तर बना रखा है तो किसी पटवारी ने रंजीत एवेन्यू में अपना कार्यालय बना रखा है। सरकारी दफ्तर में लोगों को बुलाने की बजाय ये पटवारी अपने प्राइवेट दफ्तरों में बुलाते है। जबकि नियमों के मुताबिक इनका दफ्तर पटवारखानों में ही होना चाहिए।

अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर कहीं प्राइवेट कर्मचारी काम करते हुए पाए जाते हैं तो उन पर भी सख्त कार्रवाई करवाई जाएगी। मैैंने सभी एसडीएम को निर्देश दे रखे हैं कि वह अपने-अपने इलाकों में इंस्पेक्शन करें और लोगों को आ रही समस्याओं का निपटारा करवाए।

गुरप्रीत सिंह खैहरा, डीसी अमृतसर


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