डेढ़ साल से राशन डिपो होल्डर बिना अदायगी लोगों तक पहुंचा रहे महत्वाकांक्षी योजनाएं, सरकार मांगों को लेकर नहीं दिखा रही गंभीरता
पंजाब के राशन डिपो होल्डरों की मांगों को लेकर सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई है। उनकी मांग भले ही राशन डिपो पर आटा दाल स्कीम के राशन के वितरण की हो या फिर समय पर उनको कमीशन जारी करने की। बावजूद इसके वह योजनाओं को लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर। विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। राजनीतिक पार्टियां तथा प्रत्याशी ताल ठोक चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। इस बीच राज्य का एक वर्ग आज भी उन वादों को लेकर वफा की राह देख रहा है, जो पिछले पांच साल में पूरे नहीं किए गए। यहीं नहीं पिछले करीब डेढ़ साल से यह वर्ग सरकार की अति महत्वकांक्षी योजनाओं को लोगों तक बिना किसी अदायगी के पहुंचा रहे हैं। इसके लिए वह तमाम तरह का खर्च जेब से कर रहा है। यहां बात चल रही है राज्य के राशन डिपो होल्डरों की। जिन की मांगों को दरकिनार किया जाता रहा है। उनकी मांग भले ही राशन डिपो पर आटा दाल स्कीम के राशन के वितरण की हो या फिर समय पर उनको कमीशन जारी करने की। यूनियन की किसी भी मांग को लेकर सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई है। बावजूद इसके वह सरकार की ही योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने में लगे हुए हैं।
अर्से से रही है वेतन देने की मांग
इस बारे में राशन डिपो होल्डर वेलफेयर सोसायटी जालंधर के अध्यक्ष दर्शन लाल भगत, वरिष्ठ उपाध्यक्ष भगत बिशन दास तथा महासचिव हरभजन भज्जी बताते हैं कि डीपू होल्डर्स को वेतन देने की मांग अर्से से रही है। जिस पर सरकार ने कभी भी गंभीरता नहीं दिखाई। जबकि ना केवल आटा दाल स्कीम बल्कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना सहित तमाम तरह की योजनाओं को लेकर सरकार द्वारा दी गई जाते आदेशों की ईमानदारी के साथ पालना की जाती है। इसके लिए ना केवल डिपो होल्डर बल्कि उसे अपने खर्च से इंफ्रास्ट्रक्चर भी देना पड़ता है। बदले में उन्हें एक निर्धारित वेतन देने की मांग को भी मंजूर नहीं किया गया।
करीब डेढ़ साल से नहीं मिली कमीशन
भगत बिशन दास बताते हैं कि पिछले करीब डेढ़ साल से डिपो होल्डर को कमीशन जारी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि आटा दाल स्कीम का राशन वितरण करने में उन्हें केवल 50 पैसे प्रति किलो के हिसाब से कमीशन दी जाती है। लेकिन डेढ़ साल से वह लगातार सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उन्हें कमीशन भी नहीं जारी की। जिससे उनका घर का खर्च चलाना भी अब मुश्किल हो गया है।
कोरोना कॉल में भी दी सेवाएं
यूनियन के अध्यक्ष दर्शन लाल भसीन बताते हैं कि कोरोना काल के दौरान भी जिले के राशन डिपो होल्डर होने योग्य लोगों को राशन वितरित किया है। यहां तक की विपरीत परिस्थितियों के दौरान भी बायोमेट्रिक मशीन का इस्तेमाल करते हुए गरीबों को राशन दिया गया है। इसके बावजूद डीपू होल्डरों की जायज मांगों को पूरा नहीं किया गया। यही कारण है कि यूनियन के सदस्यों में भारी रोष है।