पंजाब सरकार गरीबों को दे रही दो रुपये किलो गेहूं, आटा पड़ रहा 10 रुपये किलो
गरीबों को सरकारी गेहूं का आटा पिसाई करवाने के बाद 10 रुपये प्रति किलो पड़ रहा है। गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों को कार्डो पर दो रुपये किलो गेहूं का वितरण किया जाता है। गरीब परिवारों को यह कोटा छह माह का एक साथ रिलीज किया जाता है।
जालंधर, शाम सहगल। पंजाब सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों के लिए शुरू की गई आटा-दाल स्कीम के तहत दी जा रही दो रुपये प्रति किलो गेहूं का आटा उन्हें 10 रुपये प्रति किलो पड़ रहा है। कारण नीले कार्ड (अब स्मार्ट कार्ड) पर दिए जा रहे गेहूं की पिसाई के रूप में सात प्रति किलो तक वसूली की जा रही है। यही नहीं सरकारी गेहूं में मिट्टी व गंदगी बोलकर उनसे 3 किलो गेहूं प्रति बोरी (30 किलो) अलग से काट के रूप में लिया जा रहा है।
इस तरह से गरीबों को सरकारी गेहूं का आटा पिसाई करवाने के बाद 10 रुपये प्रति किलो पड़ रहा है। राज्य में गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों को इन कार्डो पर दो रुपये प्रति किलो गेहूं का वितरण किया जाता है। गरीब परिवारों को यह कोटा छह माह का एक साथ रिलीज किया जाता है। इसकी पिसाई उन्हें खुद करवानी होती है। राज्य में 35 लाख के करीब परिवारों को यह सुविधा दी जा रही है।
इसमें शहर के खुले इलाकों में ट्रक लगाकर सस्ता गेहूं जारी किया जाता है। जिले में आटा चक्की संचालकों द्वारा सरकारी गेहूं की पिसाई को लेकर पूल किया गया है। इसके तहत सभी आटा चक्की संचालक सात रुपये प्रति किलो के हिसाब से सरकारी गेहूं की पिसाई के रूप में वसूली कर रहे हैं। जिले में आटा चक्कियों पर गेहूं की पिसाई के रेट निर्धारित नहीं किए गए हैं। यही कारण है कि आटा चक्की संचालक गरीबों से मनमाने पैसे वसूल कर रहे हैं।
आटा चक्कियों के रेट निर्धारित नहीं किए
इस बारे में खाद्य आपूर्ति विभाग के जिला नियंत्रक नरेंद्र सिंह बताते हैं कि विभाग द्वारा आटा चक्कियों को लेकर किसी तरह के रेट निर्धारित नहीं किए गए है। लिहाजा, इस संबंध में किसी तरह की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है। डिपो होल्डर का काम केवल राशन जारी करना राशन डिपो होल्डर यूनियन के नेता अनूप सरीन बताते हैं कि डिपो होल्डर का काम केवल राशन जारी करना है। इसके बाद लाभार्थी अपनी सुविधा के अनुसार इसकी पिसाई करवाते हैं।