झूठी बयानबाजी की बजाए किसानों का हाथ पकड़े सरकार : अटवाल
दोआबा किसान यूनियन के प्रधान गुरप्रीत सिंह अटवाल ने कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों के हक में की जा रही झूठी बयानबाजी की कड़ी निदा की है।
संवाद सूत्र, भोगपुर : दोआबा किसान यूनियन के प्रधान गुरप्रीत सिंह अटवाल ने कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों के हक में की जा रही झूठी बयानबाजी की कड़ी निदा की है। अटवाल ने कहा कि केन्द्र द्वारा लाए गए खेती शोध ऑर्डिनेंस व बिजली शोध बिल के खिलाफ विधानसभा में विशेष इजलास बुलाकर तुरन्त रद करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बीते तीन सालों से सरकारी व गैर सरकारी चीनी मिलों में किसानों का करोड़ों रुपये फंसा है व किसान लगातार पैसे लेने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। सरकार को बकाया रहती राशि किसानों के खाते में डालनी चाहिए और झूठी बयानबाजी करने की बजाय किसानों का हाथ थामना चाहिए।
---- पुलिस की नाकाबंदी फेल, किसान मजूदरों ने सांसद का घर घेरा
किसानों को लेकर जारी आर्डिनेंस के विरोध में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने सांसद चौधरी संतोख सिंह के घर का घेराव किया। कमेटी को रोकने के लिए पुलिस ने कई जगह नाकाबंदी भी की थी, लेकिन पुलिस किसानों-मजदूरों को नहीं रोक पाई। प्रदर्शनकारी सांसद चौधरी के घर तक पहुंच गए। हालांकि इस दौरान चौधरी घर पर नहीं थे, लेकिन उन्होंने फोन पर ही किसान मजदूरों को आश्वासन दिया कि इस मुद्दे पर कांग्रेस उनके साथ है।
किसान मजदूर कमेटी ने मंगलवार को ही केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, सोम प्रकाश समेत पंजाब के सभी सांसदों का घेराव किया। कमेटी नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार निजीकरण को बढ़ावा देकर अमीरों को और अमीर कर रही है। कमेटी की मांग है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी ऑर्डिनेंस और बिजली बिल संशोधन एक्ट तुरंत रद किया जाए। कमेटी की अन्य मांगें:
- देशभर में सात हजार मंडियों की जगह 42 हजार मंडियां बनाई जाएं।
- प्रकृति व मनुष्य के हित का खेती मॉडल लाया जाए।
- स्वामीनाथन रिपोर्ट पहल के आधार पर लागू की जाए।
- 23 फसलों के भाव पर सरकारी खरीद की गारंटी दी जाए।
- किसानों-मजदूरों का समूचा ऋण माफ किया जाए।
- पेट्रो पदार्थों के दामों में की गई बढ़ोतरी वापस लें और सब्सिडी बढ़ाई जाए।
- सहकारी बैंकों का निजीकरण रद किया जाए।
- बाढ़ के खतरे को ध्यान में रखते हुए धस्सी बांधों को मजबूत करें।
- बरसाती ड्रेनों की सफाई जल्द करवाई जाए।