तीन महीने में ही आठ हजार रुपये तक महंगा हुआ सोना
कोरोना वायरस के चलते 22 मार्च को लॉकडाउन तथा इसके अगले दिन लगाए गए कर्फ्यू चलते बंद पड़ी मार्केट के खुलते ही सोने की चमक बढ़ गई। 96 दिनों के बीच सोना आठ हजार रूपए के करीब प्रति तोला सोने के दाम बढ़ चुके है।
शाम सहगल, जालंधर
कोरोना वायरस के चलते 22 मार्च को लॉकडाउन तथा इसके अगले दिन लगाए गए कर्फ्यू चलते बंद पड़ी मार्केट के खुलते ही सोने की चमक बढ़ गई। 96 दिनों के बीच सोना आठ हजार रूपए के करीब प्रति तोला सोने के दाम बढ़ चुके है। जो अभी तक के सबसे उच्चतम स्तर पर है। भले ही कारोबार में 60 प्रतिशत तक कमी आई चुकी है, बावजूद इसके दामों में रोजाना बढ़ोतरी हो रही है। मौजूदा मार्केट की नजर से देखें तो आने वाले दिनों में भी दामों में गिरावट होती नजर नहीं आ रही है। लॉकडाउन से पहले 41650 रुपये प्रति तोला (10 ग्राम) चल रहे सोने के दाम बढ़कर 49600 रुपये का आंकड़ा छू चुके हैं। बताया जा रहा है कि सीमा पर तनाव व फ्लाइटें बंद होने के चलते भी दामों में इजाफा हुआ है। - सूना रहा वेडिग व फेस्टिवल सीजन, दामों में बढ़ोतरी जारी
लॉकडाउन के बीच मार्च महीने से लेकर अभी तक सभी त्योहार व शादी का सीजन सूना रहा है। मार्च-अप्रैल के अलावा जून महीने में चल रहे वेडिग सीजन के बावजूद बाजारों में रौनक नहीं लौटी है। वहीं कम हुई मांग के बावजूद इसके दामों में भारी इजाफे का दौर निरंतर जारी है। यह पहला अवसर है, जब मांग में भारी कमी के बावजूद दामों में इस कदर इजाफा हुआ है। - सीमा पर विवाद तथा फ्लाइटें बंद होना भी कारण
गोल्ड कारोबारी राजेश कपूर बताते हैं कि गोल्ड के रेट अंतरराष्ट्रीय बाजार द्वारा तय किए जाते हैं। इसमें पेट्रोलियम पदार्थों से लेकर सामान की आमद के डॉलर की कीमतों के हिसाब से दाम निर्धारित किए जाते हैं। पेट्रोलियम पदार्थों की आसमान छूती कीमतें, सीमा पर तनाव की स्थिति तथा फ्लाइटें बंद होने का असर दामों पर पड़ा है। - 60 फीसद कम हो गया कारोबार
धवन ज्वेलर्स के मालिक कुलभूषण धवन बताते हैं कि कोरोना वायरस के चलते कारोबार बुरी तरह के प्रभावित हुआ है। फेस्टिवल से लेकर वेडिग सीजन भी इस बार खाली गया है। इसी तरह लाल बाजार स्थित संत ज्वेलर्स के मालिक संत चोपड़ा बताते हैं कि लॉक डाउन के बीच 60 फीसदी कारोबार कम हुआ है। यही कारण है कि वेडिग सीजन होने के बावजूद पूरा लाल बाजार सूना पड़ा हुआ है।