गोल्ड किट्टी ही नहीं, ऑनलाइन शॉपिंग एप के नाम पर भी होती थी करोड़ों की ठगी
कंपनी ने ओएलएस नाम से मोबाइल एप बनाया था जिसमें 2500 रुपये लेकर मेंबर बनाया जाता था।
जालंधर, जेएनएन। गोल्ड किट्टी के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाली कंपनी ओएलएस विज का धंधा सिर्फ गोल्ड किट्टी ही नहीं था। ऑनलाइन शॉपिंग की आड़ में मोबाइल एप के जरिये भी लोगों को ठगा गया। कंपनी ने ओएलएस नाम से मोबाइल एप बनाया था, जिसमें 2500 रुपये लेकर मेंबर बनाया जाता था। लोगों को झांसा दिया जाता था कि इस पैसे के बदले उन्हें ऑनलाइन खरीद पर पांच फीसद की अतिरिक्त छूट मिलेगी। यह भी पूरी तरह से ठगी का ही धंधा था, क्योंकि कंपनी खुद कोई माल नहीं बेचती थी।
कंपनी ने इस एप में अमेजॉन व फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन शॉपिंग एप जोड़े हुए थे। इस एप के जरिये खरीदारी करने पर लोगों को उतनी ही छूट मिलती थी, जितनी कि सीधे किसी एप से शॉपिंग करने पर। इसके जरिये भी कंपनी ने मेंबरशिप का प्रोग्राम चला रखा था। ठगी की फरार आरोपित शीला सिंह उर्फ शीला देवी इसे चलाती थी। वो होटलों में सेमिनार करवाकर लोगों से यह एप डाउनलोड कराती थी। जिन लोगों ने इन सेमिनार में हिस्सा लिया, वो बताते हैं कि इस एप में रजिस्ट्रेशन का पैसा लेने के बाद जो दूसरे शॉपिंग एप से खरीददारी करने पर छूट मिलती, उसके अतिरिक्त लोगों से रजिस्ट्रेशन के नाम पर लिया पैसा ही छूट के नाम पर वापस लौटाया जाता था।
शुरुआत में छूट देने के बाद उन्हें और मेंबर जोड़ने को कहा जाता था। इसके लिए उन्हें अधिक डिस्काउंट का झांसा भी दिया जाता था। पुलिस की जांच में इस बारे में कुछ तथ्य उभरकर सामने आए हैं, हालांकि अधिकारी अभी कुछ नहीं कह रहे। गोल्ड किट्टी के साथ-साथ इन आरोपितों ने मोबाइल एप की डाउनलोडिंग व रजिस्ट्रेशन के नाम पर भी करोड़ों रुपए डकारे हैं।
दफ्तर से रिकॉर्ड जब्त, ठगे लोगों का मिला ब्यौरा
थाना सात की पुलिस ने अब कंपनी के पीपीआर मॉल स्थित विज मार्ट व विज पावर समेत उसके दफ्तर में पड़ा सारा रिकॉर्ड जब्त कर लिया है। इसमें काफी फाइलें व रसीदें हैं, जिनमें लोगों के साथ हुए लेनदेन के साथ कंपनी के अवैध धंधे का भी कुछ चिट्ठा मिला है। पुलिस उसकी पड़ताल में जुट गई है। इसमें उन लोगों के नाम भी अलग से निकलवाए जा रहे हैं, जो अभी तक शिकायत करने के लिए सामने नहीं आए हैं। पूरी पड़ताल के लिए पुलिस आरोपित गगनदीप सिंह से पूछताछ कर रही है। हालांकि अधिकारिक तौर पर पुलिस का इतना ही कहना है कि जांच के बाद पूरी जानकारी दी जाएगी।
वहीं, कंपनी के दफ्तर से बरामद हुआ लैपटॉप फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जा चुका है। इस मामले में पुलिस कंपनी के दफ्तर में काम करने वाले कुछ और लोगों को भी नामजद किया है। अभी तक पुलिस किसी की गिरफ्तारी नहीं कर सकी है। गगनदीप की आज फिर अदालत में पेशी गोल्ड किट्टी ठगी के उजागर होने के बाद सरेंडर करने वाले गगनदीप सिंह को पुलिस वीरवार को फिर अदालत में पेश करेगी। उसका रिमांड वीरवार को खत्म हो रहा है। थाना सात के एसएचओ कमलजीत सिंह ने कहा कि अदालत से उसका और रिमांड लिया जाएगा ताकि जांच को पूरा किया जा सके और बाकी फरार आरोपितों के बारे में पता लगाया जा सके। गगनदीप का दूसरा साथी रंजीत सिंह कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से अभी कोविड केयर सेंटर में भर्ती है।
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