कैंट बोर्ड के घोटालों की जांच PMO से CEO तक पहुंची, जानिए क्या है पूरा मामला Jalandhar News
आरोप है कि पूर्व बोर्ड अधीक्षक सुरेंद्र कुमार ने बिना टेंडर के ही 15 लाख रुपये का काम करवाया जबकि नियम है कि दो लाख से ज्यादा के काम की ई टेंडरिंग जरूरी है।
जालंधर, जेएनएन। कैंट बोर्ड में पूर्व सीईओ लोहिया के समय हुए घोटालों की शिकायत पर हो रही जांच पीएम ऑफिस से घूमती हुई वर्तमान सीईओ ज्योति कुमार के पास पहुंच गई। कैंट निवासी शिकायतकर्ता अनिल कुमार के पाए पीएमओ से आए पत्र में यह बात पता चली है। अनिल ने पीएम पोर्टल पर कैंट बोर्ड में घोटाले होने की शिकायत की थी।
अनिल ने लिखा था कि कैंट बोर्ड में वाटर सप्लाई की सीमेंट की हौदी तथा पीतल के वॉल्व लगाने के टेंडर में लाखों का घोटाला हुआ है। पूर्व बोर्ड अधीक्षक सुरेंद्र कुमार ने बिना टेंडर के ही 15 लाख रुपये का काम करवाया, जबकि नियम है कि दो लाख से ज्यादा के काम की ई टेंडरिंग जरूरी है। आरोप है कि सुरेंद्र धवन ने सिर्फ तीन हौदियों के छोटे-छोटे टेंडर करवा उसी में 15 लाख रुपये का काम करवा दिया। इसमें तत्कालीन सीईओ मीनाक्षी लोहिया भी संलिप्त हैं, उन्हीं की शह पर यह सब हुआ। शिकायत में उन्होंने साफ पानी पीने के लिए लगाए गए वाटर एटीएम मशीन में भी घोटाले का जिक्र किया है। आरोप है कि नॉन टेक्निकल होने के बावजूद सुरेंद्र धवन खुद ही वाटर सप्लाई हौदियों का एस्टीमेट तैयार कर देते थे। इसी तरह एक टेंडर का 50 लाख का एस्टीमेट बनाकर उसे बोर्ड बैठक में पास करवाने के लिए रख दिया। इसका ठेकेदारों तथा पार्षदों विरोध कर दिया।
आरोपों पर चुप्पी साध सीईओ ने रद किया था टेंडर
पार्षद सुरेश कुमार सेठी ने कहा था कि यह काम 20 लाख से अधिक का नहीं है। इसके अलावा वह नॉन टेक्निकल हैं। यह सुनकर ब्रिगेडियर एसएस बालाजी ने कहा कि उनके पास एमईएस का इतना बड़ा इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट है, बोर्ड ने उनकी मदद क्यों नहीं ली। उस समय शर्मसार हुई सीईओ मीनाक्षी लोहिया चुप्पी साध गईं और टेंडर रद कर दिया गया। इसके अलावा अनिल ने लिखा था जालंधर स्पोर्ट्स होने के बावजूद बोर्ड में महंगे भाव पर बाहरी राज्यों की फर्म से पार्कों में ओपन जिम स्थापित करवा दिए। उन्होने बताया कि इस बारे में पहले प्रिंसिपल डायरेक्टर कैंट बोर्ड व डायरेक्टर जनरल कैंट बोर्ड डिफेंस सेक्रेट्री को भी शिकायत पत्र लिख चुके थे। अनिल ने कहा कि यदि इसकी जांच निष्पक्ष रूप से न हुई तो वह इस मामले को हाईकोर्ट लेकर जाएंगे।
सीईओ बोले, अभी आदेश का पत्र नहीं मिला
इस संदर्भ में वर्तमान सीईओ ज्योति कुमार से बात हुई तो उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसा कोई पत्र नहीं आया, जिसमें उन्हें जांच के आदेश दिए गए हैं। यदि भविष्य में उनकी ऐसी कोई जिम्मेदारी लगी तो वह निष्पक्ष जांच करेंगे।
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