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इंपेक्टर से मारपीट के मामले में 30 तक जेल में रहेंगे पूर्व मेयर सहगल, आज मिलेगा कैदी नंबर

नगर निगम इंस्पेक्टर से मारपीट के मामले के अारोपित पूर्व मेयर सुरेश सहगल ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। इसके साथ पूर्व मेयर की जमानत के लिए भी अावेदन कोर्ट में कर दिया गया है।

By Sat PaulEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 01:40 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 11:35 AM (IST)
इंपेक्टर से मारपीट के मामले में 30 तक जेल में रहेंगे पूर्व मेयर सहगल, आज मिलेगा कैदी नंबर

जागरण संवाददाता, जालंधर : भगत सिंह चौक के पास शिवराजगढ़ में नगर निगम के बिल्डिंग इंस्पेक्टर दिनेश जोशी से मारपीट के मामले में अदालत ने पूर्व मेयर सुरेश सहगल की जमानत याचिका खारिज कर दी है। चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट आशीष अबरोल की अदालत ने सहगल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। पूर्व मेयर की जमानत के लिए पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने कोर्ट में उनकी उम्र व बीमारी का हवाला दिया जिसे अदालत ने दरकिनार कर दिया।

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अदालत से निकलकर जेल जाते समय मीडिया से रूबरू होते ही सहगल गरज पड़े। उन्होंने कहा कि जेल उनकी लड़ाई को नहीं रोक सकती। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। महिला पर हाथ उठाने वाले को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिए। जेल जाने को लेकर उनके चेहरे पर जरा सी भी शिकन देखने को नहीं मिली।

मकान की मरम्मत के विवाद में हुई मारपीट, निगम मुलाजिमों ने की थी हड़ताल

शिवराजगढ़ में एक मकान की मरम्मत चर रही थी। इस दौरान निगम के बिल्डिंग इंस्पेक्टर दिनेश जोशी के साथ मकान मालकिन का विवाद हो गया। इसी बीच पड़ोस में ही रहने वाले पूर्व मेयर सुरेश सहगल भी पहुंच गए। उन्होंने विवाद के बाद इंस्पेक्टर के साथ मारपीट की। मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद सुरेश सहगल के खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने व इंस्पेक्टर के साथ मारपीट के मामले में थाना 3 में केस दर्ज किया गया था। इसके बाद सहगल की गिरफ्तारी को लेकर निगम मुलाजिमों ने लगभग एक सप्ताह तक हड़ताल की थी।

इस बीच सहगल की याचिका पर 15 नवंबर को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर 13 दिसंबर तक रोक लगाते हुए पुलिस की जांच में सहयोग के निर्देश दिए थे। गिरफ्तारी पर रोक की अवधि समाप्त होने के बाद आखिर हाईकोर्ट ने उनकी जमानत रद कर दी थी। उसके बाद से सहगल फरार चल रहे थे। बुधवार को सहगल ने खुद पुलिस के समक्ष सरेंडर किया। बाद में पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी की औपचारिकता पूरी करने के साथ ही अदालत में पेश किया। इस बीच सहगल ने जमानत याचिका भी दायर की।
 

दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद याचिका खारिज

चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट आशीष अबरोल ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने व तथ्यों का अवलोकन करने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी। सुरेश सहगल की पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने दलील दी कि सहगल सीनियर सिटीजन हैं, बीमार भी रहते हैं। वहीं, दूसरी ओर नगर निगम की पैरवी कर रहे अधिवक्ता बृजेश मिश्र ने दलील दी कि सहगल को जमानत मिली तो वे फिर जांच को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में उन्हें जमानत देना न्यायोचित नहीं होगा।

भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग जारी रहेगी : सहगल

शाम को लगभग पांच बजे पूर्व मेयर सुरेश सहगल जब कोर्ट से बाहर निकलकर जेल जाने लगे तो बाहर मीडिया से रूबरू होते ही उन्होंने कहा कि इंस्पेक्टर ने महिला पर हाथ उठाने का प्रयास किया था, जिसे माफ नहीं किया जा सकता है। जेल जाने से भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई कमजोर नहीं होगी, ये लड़ाई जारी रहेगी।

रजिस्ट्री पर फंसा पेंच

अदालत में सुरेश सहगल जमानत के लिए एक रजिस्ट्री लेकर पहुंचे थे। मौके पर दूसरी रजिस्ट्री मांगी गई। सहगल का बेटा दूसरी रजिस्ट्री लेने घर गया। जब तक वह वापस लौटा तब तक जमानत याचिका खारिज हो चुकी थी।

मर्सडीज में पहुंचे कोर्ट, जिप्सी से गए जेल

पुलिस सुरेश सहगल को लेकर दोपहर लगभग ढाई बजे अदालत पहुंची। वे अदालत परिसर में चंडीगढ़ निवासी शिवेन्द्र सहगल की मर्सडीज में पहुंचे थे। जमानत रद होने पर उन्हें पुलिस जिप्सी से पहले मेडिकल के लिए सिविल अस्पताल में ले जाया गया, वहां से वे रात लगभग साढे नौ बजे कपूरथला जेल पहुंचे।

जेल पहुंचते ही मांगी लस्सी

सुरेश सहगल रात को लगभग साढ़े नौ बजे कपूरथला जेल पहुंचे। उन्होंने पहुंचते ही पीने के लिए लस्सी मांगी, लेकिन उनकी ये डिमांड पूरी नहीं हो सकी। उन्हें पीने के लिए नॉर्मल पानी दिया गया। साथ ही खाने में दाल, चावल व रोटी दी गई। स्वास्थ्य को देखते हुए उन्होंने सिर्फ एक रोटी दाल के साथ खाई।

आज मिलेगा कैदी नंबर

देर रात साढ़े नौ बजे जेल में लाए गए सुरेश सहगल को कोई बैरक अलॉट नहीं की गई और न ही कोई कैदी नंबर दिया गया। उन्हें वीरवार को कैदी नंबर अलॉट किया जाएगा, इसके बाद ही बैरक मिलेगी। सहगल के बेटे ने बताया कि उनके पिता को ठंड ज्यादा लगती है, लेकिन पहले दिन ठंड से बचने के इतने इंतजाम नहीं थे।
 

परिवार में निराशा का माहौल

जमानत अर्जी खारिज होने के बाद सुरेश सहगल के परिवार में बेहद निराशा का माहौल था। परिवार के सभी सदस्यों सहगल के जेल जाने की उम्मीद नहीं थी।

मामले में कब क्या क्या हुआ

28 अक्टूबर : पूर्व मेयर के खिलाफ निगम इंस्पेक्टर के साथ मारपीट का मामला दर्ज

2 नवंबर : पूर्व मेयर की सेशन कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका रद

5 नवंबर : सुलक्षण शर्मा गिरफ्तार

6 नवंबर : सुलक्षण का भांजा सन्नी भी गिरफ्तार

16 नवंबर : हाईकोर्ट ने सहगल की गिरफ्तारी पर लगाई रोक।

30 नवंबर : पूर्व मेयर जांच में हुए शामिल

11 दिसंबर : सुलक्षण व सन्नी को मिली जमानत

17 दिसंबर : हाईकोर्ट में पूर्व मेयर की अग्रिम जमानत याचिका रद।

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