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सीएम के दरबार पहुंचा जिमखाना क्लब का विवाद, पूर्व पदाधिकारियों ने की जांच की मांग

शहर के प्रतिष्ठित जिमखाना क्लब प्रशासन द्वारा दो महिला कर्मचारियों को बर्खास्त किए जाने का मामला मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंच गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 07:43 AM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 07:43 AM (IST)
सीएम के दरबार पहुंचा जिमखाना क्लब का विवाद, पूर्व पदाधिकारियों ने की जांच की मांग
सीएम के दरबार पहुंचा जिमखाना क्लब का विवाद, पूर्व पदाधिकारियों ने की जांच की मांग

कमल किशोर, जालंधर

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शहर के प्रतिष्ठित जिमखाना क्लब प्रशासन द्वारा दो महिला कर्मचारियों को बर्खास्त किए जाने का मामला मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंच गया है। महिलाओं का आरोप है कि उन्हें क्लब की राजनीति का शिकार बनाया गया है और बेवजह बर्खास्त कर दिया गया है। इस पर कुछ पूर्व अधिकारियों ने पत्र लिखकर सीएम से मामले की जांच की है।

दरअसल, बीते दिनों जिमखाना क्लब की दो महिला कर्मचारियों को मुलाजिमों ने क्लब प्रशासन व सचिव तरुण सिक्का पर दु‌र्व्यवहार का आरोप लगाकर महिला आयोग से कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद क्लब प्रशासन ने महिलाओं को क्लब के संविधान का उल्लंघन करने का नोटिस जारी किया था। इस नोटिस का जवाब देने के साथ ही महिलाओं ने अदालत की शरण ले ली थी। इसके बाद क्लब प्रशासन की लंबी बैठक चली थी और यह बात निकलकर सामने आई कि क्लब ने उन महिलाओं को बर्खास्त कर दिया है।

मामले को लेकर क्लब के पूर्व सचिव सतीश ठाकुर गोरा, एडवोकेट दलजीत सिंह छाबड़ा व कोकी बहन ने क्लब प्रधान को पत्र लिखकर इस मामले की गहन छानबीन की मांग की थी। तीनों पूर्व सचिवों का आरोप था की क्लब में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। महिला कर्मचारियों के साथ ऐसा व्यवहार निंदनीय है। इसकी जांच की ही जानी चाहिए। हालांकि क्लब प्रशासन द्वारा मामले को पूरी गंभीरता से न लेने के बाद तीनों पूर्व सचिव ने शनिवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह को भी पत्र लिखकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है और जांच की मांग की है।

मेरे साथ डर्टी पॉलिटिक्स खेली गई

महिलाओं का कहना है कि क्लब प्रशासन द्वारा उनके साथ डर्टी पॉलिटिक्स खेली गई है। क्लब की ओर से टर्मिनेट किए जाने का लेटर अभी तक उन्हें नहीं मिला है, क्योंकि उन्हें गैर-संवैधानिक ढंग से टर्मिनेट किया गया है। इस मामले को लेकर क्लब प्रशासन के कुछ सदस्यों से अप्रोच किया था, लेकिन किसी ने सहायता नहीं की। तब जाकर वूमेन कमिशन का सहारा लिया और कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने कहा कि मेरे से इस मामले को लेकर क्लब प्रशासन ने मेरे से सफाई नहीं मांगी।

जीएम समझौता करने के लिए तैयार नहीं

क्लब प्रशासन ने जीएम को शोकॉज नोटिस जारी किया था, जिस पर जीएम ने अपना जवाब भी दे दिया था। इसके बाद से क्लब के उच्चाधिकारी जीएम व क्लब प्रशासन के बीच समझौता करवाने में जुटे हुए हैं। साथ ही दबाव बना रहे हैं कि नोटिस का जवाब वापस ले लिया जाए। बताया जा रहा है जीएम ने दस पेजों का पुलिदा तैयार कर क्लब के प्रधान को सौंप दिया है।

कोई राजनीति नहीं की गई: तरुण सिक्का

क्लब के सचिव तरुण सिक्का ने कहा कि क्लब प्रशासन की ओर से महिला कर्मियों के साथ किसी प्रकार की राजनीति नहीं खेली गई है। काम में कोताही बरतने को लेकर क्लब के संविधान के हिसाब से ही उन्हें टर्मिनेट किया गया है।


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