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फ्लाईओवर सबसे बड़ा मुद्दा, लगातार चौथे चुनाव में चर्चा में

आदमपुर विधानसभा सीट जालंधर में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। करीब 90 गावों से घिरा आदमपुर दोआबा क्षेत्र में आर्थिक रूप से मजबूत माना जाने वाला कस्बा है। यहा के ज्यादातर लोग विदेश में हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 11:52 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 11:52 PM (IST)
फ्लाईओवर सबसे बड़ा मुद्दा, लगातार चौथे चुनाव में चर्चा में
फ्लाईओवर सबसे बड़ा मुद्दा, लगातार चौथे चुनाव में चर्चा में

आदमपुर विधानसभा सीट जालंधर में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। करीब 90 गावों से घिरा आदमपुर दोआबा क्षेत्र में आर्थिक रूप से मजबूत माना जाने वाला कस्बा है। यहा के ज्यादातर लोग विदेश में हैं। यहां एयरफोर्स का बेस भी है और एयरफोर्स स्टेशन में सिविल टर्मिनल भी महत्वपूर्ण है। विधानसभा हलका के अधीन आने वाले कस्बा भोगपुर में आती शुगर मिल भी लोगों के जीवन में बड़ा महत्व रखती है। भोगपुर कस्बा पठानकोट-जम्मू हाईवे पर है और आदमपुर कस्बा होशियारपुर-हिमाचल को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। इस वजह से यह इलाका काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। पिछले कुछ चुनाव में सबसे बड़ी चर्चा का केंद्र आदमपुर हाईवे पर बन रहा फ्लाईओवर है। इसका काम कछुआ गति से चल रहा है। इस वजह से यहां पर ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ी रहती है। पांच साल से जालंधर से होशियारपुर आने-जाने वाले लोग इससे त्रस्त है। फ्लाईओवर के निर्माण की जिम्मेवारी केंद्र पर है इसलिए राजनीति भी खूब होती रही है। 2017 विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी फ्लाईओवर मुद्दा रहा। 2021 में हुए निकाय चुनाव में भी इस पर सियासत हुई। इस बार भी यह इलाके का सबसे बड़ा मुद्दा बनेगा। पिछले दस साल से अकाली दल के विधायक पवन टीनू हलके का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पिछले दो महीने में आदमपुर हलका मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के दौरों को भी लेकर चर्चा मे रहा क्योंकि एक बार ऐसा लगने लगा था कि मुयख्मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी यहां से चुनाव लड़ सकते हैं। सीट इसलिए भी खास है क्योंकि अब तक हुए चुनाव में कांग्रेस यहां से सिर्फ एक बार जीती है।

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रिपोर्ट : जगजीत सिंह सुशांत, कंवरपाल सिंह काहलों।

----------------------------------------------- मुद्दे जो हल हुए

शूगर मिल 109 करोड़ से अपग्रेड हुई

आदमपुर हलके में भोगपुर शुगर मिल हमेशा ही चर्चा में रहती है। हालांकि अब इसे अपग्रेड किया गया है और किसानों को इसका फायदा मिलेगा। इस सहकारी चीनी मिल लिमिटेड को 109 करोड़ रुपये खर्च करके अपग्रेड किया गया है। इसका श्रेय कांग्रेस भी ले रही है और अकाली दल के मौजूदा विधायक पवन टीनू भी ले रहे हैं। अपग्रेडेशन के उद्घाटन पर कांग्रेस और अकाली दल में राजनीति भी खूब हुई है। चीनी मिल के नवीनीकरण पर तीन हजार टीडीएस क्षमता वाले नए प्लांट, 15 मेगावाट बिजली का प्लांट हलके के लोगों के लिए राहत लेकर आएगा। इसके साथ ही बायो सीएनजी का प्लांट लगाया जा रहा है। इस उद्योग के लगने से हजारों नौकरियां पैदा हुई हैं और पांच हलकों से संबंधित नौजवान नौकरियां कर रहे हैं।

----------- मुद्दे जो हल नहीं हुए

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम सात साल से लटका

गंदे पानी की निकासी से पिछले कई दशकों से जूझ रहे भोगपुर कस्बा में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम सात से लटका हुआ है। इसका उद्घाटन पंजाब तकनीकी शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन मोहिदर सिंह केपी ने किया था लेकिन नींवपत्थर रखने के बाद भी काम शुरू नहीं हुआ। उसके लिए भोगपुर निवासी पिछले सात सालों से शहर में खड़े रहते गंदे पानी की समस्या के लिए अलग-अलग सरकारों को कोस रहे हैं। इसके अलावा और भी कई समस्याएं हैं जो हल नहीं हो पा रही।

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अलावलपुर में पैलेस का काम लटका

2012 से 2017 वाली अकाली-भाजपा सरकार के समय में विधायक पवन टीनू ने हलका आदमपुर के ब्लाक अलावलपुर में आर्थिक रूप कमजोर परिवारों के लिए मैरिज पैलेस का काम शुरू करवाया था। लेकिन कांग्रेस सरकार आने पर काम बंद हो गया। इस बार चुनाव में यह मुद्दा भी अहम रहेगा।

--------- आदमपुर फ्लाईओवर का काम अधर में लटका

अकाली-भाजपा सरकार के समय शुरू हुए जालंधर-होशियारपुर फ्लाइओवर का काम आज भी आधा नहीं हो पाया। 2016 में काम शुरू हुआ था और दो साल में इसे पूरा करने का टारगेट रखा गया था। कांग्रेस अपने पांच सालों के कार्यकाल दौरान इसे मुकम्मल करवाने में असफल साबित हुई। फ्लाइओवर की सुस्त चाल कारण आदमपुर शहर निवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस प्रोजेक्ट के कारण अब तक लोगों को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। आदमपुर में लड़के-लड़कियों की सुविधा के लिए बनाई आइटीआइ भी अधिकतर समय के लिए बंद रही। -------

चुनावी समीकरण

भाजपा के आने के बाद तस्वीर होगी साफ

आदमपुर विधानसभा सीट पर मौजूदा विधायक पवन टीनू ही अकाली दल से तीसरी बार चुनाव लड़ेंगे। उनके मुकाबले पर कांग्रेस से सुखविदर सिंह कोटली मैदान में है। कोटली का बैकग्राउंड बहुजन समाज पार्टी का है और उनका बसपा में अच्छा आधार रहा है। आम आदमी पार्टी ने जीतराम भट्टी को उम्मीदवार बनाया है। वह आप के पुराने नेता हैं। संयुक्त समाज मोर्चा ने पुरुषोत्तम राज हीर को मैदान में उतारा है। यहां पर अभी भाजपा गठबंधन ने अपना उम्मीदवार घोषित करना है। ऐसी उम्मीद है कि यहां पर भाजपा ही अपना प्रत्याशी उतारेगी। यह भी चर्चा है कि कांग्रेस के बड़े नेता मोहिदर सिंह केपी भाजपा से चुनाव मैदान में आ सकते हैं। कोटली को बदलने की मांग भी चल रही है। हमारे प्रत्याशी

प्रचार में अकाली दल सबसे आगे

प्रचार अभियान में अकाली दल सबसे आगे है। अकाली दल के उम्मीदवार पवन टीनू 10 साल से विधायक हैं और उनका जनसंपर्क सबसे ज्यादा है। कांग्रेस के सुखविदर सिंह कोटली इस सीट पर बसपा की तरफ से चुनाव लड़ चुके हैं और जमीनी नेता होने के कारण वह सक्रिय रहते हैं। आप के जीत राम भट्टी भी हलके में सक्रिय हैं। यहां पर आप का वर्कर भी उत्साहित है। संयुक्त समाज मोर्चा ने परुशोतम राज हीर को एक दिन पहले ही उम्मीदवार बनाया है। वह किसान आंदोलन में सक्रिय हुए थे। भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार पर सबकी नजर लगी हुई है। उम्मीदवार तय ना होने से असमंजस की स्थिति है।

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आदमपुर में वोटर

कुल वोटर : 168370

पुरुष : 88448

महिला : 79919

थर्ड जेंडर : 3

73.38 प्रतिशत मतदान हुआ 2017 में

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हलके में आते हैं ये एरिया

कस्बा आदमपुर, भोगपुर, अलावलपुर और करीब 150 गांव

------- चुनाव का इतिहास

2017 : पवन टीनू, अकाली दल

2012 : पवन टीनू, अकाली दल

2007 : सरबजीत सिंह मक्कड़, अकाली दल

2002 : कंवलजीत सिंह लाली, कांग्रेस

1997 : सरुप सिंह, अकाली दल

1992 : राजिदर कुमार, बसपा

1985 : सुरजीत सिह, अकाली दल

1980 : कुलवंत सिंह, सीपीआई

1977 : सरुप सिंह, जेएनपी

1972 : हरभजन सिंह, आजाद


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