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सिटी रेलवे स्टेशन पर हर यात्री की हो रही है स्क्रीनिग, बुधवार को गई पांच ट्रेन

सिटी स्टेशन से बुधवार को पांच ट्रेनें रवाना हुईं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 12:14 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 12:14 AM (IST)
सिटी रेलवे स्टेशन पर हर यात्री की हो रही है स्क्रीनिग, बुधवार को गई पांच ट्रेन
सिटी रेलवे स्टेशन पर हर यात्री की हो रही है स्क्रीनिग, बुधवार को गई पांच ट्रेन

जागरण संवाददाता, जालंधर

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सिटी स्टेशन से बुधवार को पांच ट्रेनें रवाना हुईं। अमृतसर से मुंबई सेंट्रल गोल्डन टेंपल एक्सप्रेस (02908), अमृतसर से न्यू जलपाईगुड़ी कर्मभूमि एक्सप्रेस (02408), कोलकाता से जालंधर दुग्र्याना कोविड स्पेशल (02358), बांद्रा टर्मिनल से जालंधर पश्चिम एक्सप्रेस(02926), अमृतसर से जय नगर शहीद एक्सप्रेस (04674), अमृतसर से जय नगर सरयु यमुना एक्सप्रेस (04650), अमृतसर से हरिद्वार जनशताब्दी एक्सप्रेस (02054) शामिल है।

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ना स्टाल वालों की बोहनी हुई और ना ही कुलियों की

रेलवे की तरफ से स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू करने के साथ ही प्लेटफार्म नंबर दो व पांच में स्टाल को खोल दिए गए है। इसमें वाटर वेडिग मशीन और बिस्कुट चिप्स के स्टाल शामिल हैं। यात्री घर से ही अपने सफर में खाने पीने का सामान लेकर चल रहे हैं। इस वजह से स्टेशन पर खुले स्टाल सूने पड़े हुए हैं। वेंडर रजिदर कहते हैं कि बोहनी के नाम पर तो पानी की बोतल तक नहीं बिकी। यही हाल स्टेशन पर तैनात कुलियों की रहा। कुली सरवन कहते हैं कि दो दिन हो गए बोहनी नहीं हुई।

भोपाल से लौटे जवाला नगर के मुकेश कुमार कहते हैं कि वह बिजनेस के सिलसिले में गए थे। लाकडाउन की वजह से वहीं फंस गए थे। ऐसे में वहां रहने व खाने-पीने का हर खर्च दोगुना ही वसूला गया। इसी तरह मॉडल टाउन के हरजिदर सिंह कहते हैं कि वे बनारस गए थे और लॉक डाउन की वजह से वहीं फस गए थे। होटल में डबल किराये के साथ-साथ खाने पीने का डबल खर्च चुकाना पड़ा।

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स्टेशन पर बढ़ने लगी भीड़, कहीं कोरोना न फैला दे

स्टेशन पर स्पेशल ट्रेनों के जरिए ट्रेनों के आने और जाने का संचालन लगभग धीरे धीरे शुरू हो रहा है। ऐसे में ट्रेन से उतरते ही यात्रियों की मेडिकल स्क्रीनिग और उनकी जानकारी दर्ज करने के लिए भीड़ जुटने लग पड़ी है। डॉक्टरों की टीम एक ट्रेन से उतरे यात्रियों की जानकारी नोट ही कर रहे होते हैं तो इतने में दूसरी ट्रेन भी पहुंच जाती है। जिसमें यात्रियों और रेल स्टाफ के मध्य शारीरिक दूरी का ख्याल भी नहीं रखा जा रहा है। ऐसे में डॉक्टरी, रेल स्टाफ या आरपीएफ, जीआरपी किसी कोरोना संक्रमित यात्री के संपर्क में आ गए तो लुधियाना स्टेशन जैसे हालात यहां भी बन सकते हैं।


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