स्पाइन सर्जरी करने में फेल रहने पर डा. चितकारा को पांच लाख का हर्जाना
जिला उपभोक्ता फोरम ने मरीज की स्पाइन सर्जरी करने में असफल रहने वाले स्पाइन सर्जन को आपरेशन के समय की गई लापरवाही के कारण पांच लाख रुपये हर्जाना देने का आदेश सुनाया है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : जिला उपभोक्ता फोरम ने मरीज की स्पाइन सर्जरी करने में असफल रहने वाले स्पाइन सर्जन को आपरेशन के समय की गई लापरवाही के कारण पांच लाख रुपये हर्जाना देने का आदेश सुनाया है। जिला उपभोक्ता फोरम के प्रधान कुलजीत सिंह व सदस्य ज्योत्सना ने डा. नवीन चितकारा को आदेश दिए कि वे शिकायतकर्ता को पांच लाख हजार रुपये देंगे जिसमें राहत राशि के अलावा केस लड़ने के लिए खर्च की गई राशि व मानसिक परेशानी का मुआवजा शामिल है।
फगवाड़ा के रहने वाले शिकायतकर्ता आईपी सिंह की वकील एडवोकेट हरलीन कौर छह साल से इस केस की पैरवी कर रही थी। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने 8 जून 2015 को डा. नवीन चितकारा के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में स्पाइन सर्वाइकल सर्जरी करने के बावजूद मरीज के ठीक न होने के बाद केस दायर किया था।
आईपी सिंह ने बताया कि उनकी माता अवतार कौर की 4 जून 2013 को एमआरआइ करवाने के बाद उन्हें डा. नवीन चितकारा को दिखाया गया। डा नवीन ने सलाह दी कि मरीज की रीढ़ इकट्ठी हो रही है व उनकी हालत और खराब हो सकती है। 10 जून, 2013 में डा. चितकारा के एनएएसए (नासा) न्यूरोकेयर अस्पताल में सर्जरी की गई। डाक्टर ने उनके परिवार को बताया कि सर्जरी सफल हो गई है व जल्द ही मरीज ठीक होगा लेकिन मरीज को परेशानी बरकरार रहने लगी। 13 जुलाई 2013 को दोबारा एमआरआइ करवाई तो सामने आया कि समस्या की अभी भी वैसी है। उन्होंने माता की 26 जुलाई 2013 को 3-डी स्कैन करवाई। उन्होंने फोरम के सामने दिल्ली के तीन सर्जनों समेत चार सर्जनों से इस संबंधी किए मश्वरे की रिपोर्ट भी फोरम के सामने पेश की। चारों ने कहा कि अवतार कौर की रीढ़ की समस्या अभी भी है और दोबारा सर्जरी करवाने की जरूरत थी। उसी को आधार बना पांच लाख रुपये के अलावा कानूनी खर्च के लिए दस हजार रुपये देने का फैसला सुनाया गया।