फतेह किट के बिना कोरोना पर फतेह की कवायद
तमाम प्रयासों व लोगों में जागरूकता की कमी के बाद भी कोरोना से जंग लड़ रहे जालंधर में हजारों मरीजों को फतेह किट उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी। सेहत विभाग के स्टाक में 320 फतेह किट ही बची हैं।
मनोज त्रिपाठी, जालंधर
तमाम प्रयासों व लोगों में जागरूकता की कमी के बाद भी कोरोना से जंग लड़ रहे जालंधर में हजारों मरीजों को फतेह किट उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी। सेहत विभाग के स्टाक में 320 फतेह किट ही बची हैं। यही वजह है कि होम आइसोलेट होने वाले सैकड़ों मरीजों को सेहत विभाग की तरफ से किट नहीं दी जा पा रही। वीरवार चार बजे तक होम आइसोलेट वाले मरीजों की संख्या 2198 थी। सरकार की हिदायतों के अनुसार कोरोना पाजिटिव आने के बाद मरीजों को या तो अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा है या फिर उन्हें उनकी मर्जी से होम आइसोलेट किया जा रहा है। अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों को किट की जरूरत नहीं बल्कि उन्हें संबंधित दवाइयां अस्पतालों के स्टाफ द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही हैं, लेकिन होम आइसोलेट होने वाले मरीजों को किट उपलब्ध करवाना सेहत विभाग की जिम्मेवारी है। मरीजों को उनके घर या होम आइसोलेशन का फार्म क्लीयर करते समय ही मौके पर किट दिए जाने की व्यवस्था की गई थी। साथ ही उन्हें किट देते हुए की फोटो भी की जानी थी। किट में सेहत विभाग की तरफ से कोरोना को लेकर जरूरी दवाइयां हैं। किट देने के बाद उन्हें डाक्टरी सलाह भी दी जाती है। बाकायदा उन्हें फोन पर संपर्क करके उनका हालचाल भी लिया जाना था, लेकिन सैकड़ों मामलों में ऐसा नहीं किया जा पा रहा है।
सेहत विभाग की तरफ से कोरोना की ड्यूटी में 1200 से ज्यादा एक्सपर्ट का स्टाफ तैनात किया गया है। उसके बाद यह हाल है। अभी तक जिले में 11347 मरीजों को ही किट उपलब्ध करवाई जा सकी हैं, जबकि एक्टिव मरीजों की संख्या तीन हजार से ज्यादा है और कोरोना पर फतेह पाने वाले मरीजों की संख्या 31 हजार से ज्यादा है।
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जल्द स्टाक पूरा होगा : डा.टीपी सिंह
किट के स्टाक को लेकर कोरोना के नोडल अफसर डा. टीपी सिंह का कहना है कि संबंधित विभाग लगातार इसकी डिमांड हेडक्वाटर को भेज रहा है। यह सही है कि किट का स्टाक कम है, लेकिन जल्द ही स्टाक पूरा कर लिया जाएगा।
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दूसरों को जागरूक करने वाला सेहत विभाग खुद जागरूक नहीं
वीरवार को सिविल अस्पताल में विभिन्न बीमारियों का इलाज करवाने आए लोगों की लंबी लाइन शारीरिक दूरी के बिना लगी रही। पर्ची काटने वाले दफ्तर के अंदर से लेकर बाहर तक यही नजारा था। अलबत्ता कोरोना वार्ड से होकर लोग बिना किसी रोक-टोक के आ-जा रहे थे। जिस वार्ड में कोरोना के मरीजों को रखे जाने की व्यवस्था की गई है, उसी के गलियारे से आम मरीज व उनके परिजन बिना किसी रोक के पर्ची कटवाने जा रहे थे। लाइन मे दो घंटे से लगे रमेश ने बताया कि अस्पताल प्रशासन की तरफ से न तो किसी को शारीरिक दूरी बनाकर खड़े होने को कहा गया और ही स्टाफ ने जरूरत के हिसाब से काउंटर बनाए हैं।
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-वीरवार को आए 399 पाजिटिव केस, दो की मौत
वीरवार को कोरोना के 399 पाजिटिव मरीज आए हैं, जबकि दो मरीजों की मौत हुई है। अप्रैल में अब तक की सबसे कम मौतें वीरवार को हुई। अप्रैल के पहले सप्ताह औसतन 12 मौतें रोज हो रही थी जबकि दूसरे सप्ताह आंकड़ा सात से आठ रह गया था। तीसरे सप्ताह के पहले दिन महज दो मरीजों की मौत से सेहत विभाग ने राहत महसूस की है। हालांकि लोगों की लापरवाही के कारण केसों की संख्या कम नहीं हो रही। इन इलाकों के मरीज पाजिटिव
अर्बन स्टेट : 20
माडल टाउन: 18
मिल्ट्री अस्पताल: 16
नकोदर: 14
शाहकोट: 10
रामा मंडी:10
जीटीबी नगर: 8
बस्ती नौ:6
रेरू पिड: 6
सूर्या एंक्लेव: 6
न्यू माडल हाउस: 5
जालंधर कैंट:5
आदर्श नगर:5
जालंधर हाइट्स:5
मास्टार तारा सिंह नगर: 5
दिलबाग नगर : 4
बस्ती शेख:4
फ्रैंड कालोनी:4
न्यू जवाहर नगर:4
गुरु अमरदास नगर:4
टावर एंन्केव्ल:4
गुरु गोविद सिंह एवेन्यू:3
बस्ती बाबा खेल:3
फिल्लौर:3
टैगोर नगर : 3
बस्ती गुजां:3
बाग करमबक्श:3
बस स्टैंड:3
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