वेतन कटौती के विरोध में एफसीआइ मजदूरों ने किया प्रदर्शन
फू़ड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया श्रमिक यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर सोमवार को एफसीआई ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करते हुए विभाग में कार्यरत तीन प्रकार के लेबर सिस्टम को खत्म कर एक ही प्रकार का सिस्टम बनाने की पुरजोर मांग की।
जागरण संवाददाता, जालंधर : फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया श्रमिक यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर सोमवार को एफसीआई ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करते हुए विभाग में कार्यरत तीन तरह के लेबर सिस्टम को खत्म कर एक सिस्टम बनाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने एरिया मैनेजर को अपनी मांगों संबंधी ज्ञापन दिया।
यूनियन के वाइस प्रेसीडेंट मुर्शीद आलम ने कहा कि एफसीआइ में मजदूरों की तीन केटगरी हैं, डायरेक्ट पेमेंट सिस्टम, नो वर्क- नो पे सिस्टम, एवं तीसरा कॉन्ट्रेक्स पे सिस्टम। नो वर्क-नो पे सिस्टम के तहत वे मजदूर आते हैं, जिन्हें विभाग हर रोज अपनी हाजिरी लगाने के लिए बुलाता है, लेकिन भुगतान इसी कंडीशन में होता है जब माल की लो¨डग-अनलो¨डग की हो। लो¨डग-अनलो¨डग न करने पर शाम को ये लोग बिना भुगतान के वापस लौट जाती है।
ठेकेदारी सिस्टम में काम करने वाले मजदूरों की मानदेय का बड़ा हिस्सा ठेकेदार हजम कर जाता हैं। मजदूर को डायरेक्ट पे सिस्टम में काम करने वाले मजदूर की तुलना में काफी कम पैसे मिल पाते हैं। तीनों काम एक जैसा करते हैं, लेकिन मानदेय में बड़ा अंतर है। यह मजदूरों के साथ बेइंसाफी है, इसे तत्काल दूर किया जाना चाहिए।
अदालत के आदेशों की हो रही अवहेलना : आलम
आलम ने कहा कि कई मजदूरों के वेतन से ये कहकर पैसे काटे जा रहे हैं कि वे पहले कम बोरियों की लो¨डग-अनलो¨डग करते रहे हैं। जबकि लेबर तो हमेशा विभाग के आदेशानुसार ही काम करती रही है। अगर लो¨डग-अनलो¨डग माल में बढ़ोतरी हुई है, तो ये नियम उसी दिन से लागू होना चाहिए ना कि पुराने समय से। अदालत भी इस पर रोक लगा चुकी है, लेकिन कटौती जारी है। यह एफसीआइ लेबर के साथ अन्याय है, जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदर्शन में मंडल भर के विभिन्न जिलों से लगभग 200 से ज्यादा की संख्या में एफसीआइ वर्कर शामिल हुए।