Farmers Protest : झंडे व पोस्टर वाले कर रहे मोटी कमाई, ट्रैफिक चालान से बचने को भी हो रही खरीद
कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के कारण जहां कई लोगों का काम चौपट हो गया है तो वहीं कुछ लोगों को मोटी कमाई करने का मौका भी मिल गया है। इस समय किसान समर्थक झंडे व पोस्टर बनाने व बेचने वाले मोटी कमाई कर रहे हैं।
जालंधर, [प्रियंका सिंह]। कृषि सुधार बिल के खिलाफ पिछले कुछ महीनों से चल रहे किसान आंदोलन ने जहां एक ओर सैकड़ों लोगों को रोजगार किया है तो वहीं तमाम लोगों ने इस आंदोलन का फायदा लेकर मोटी कमाई करनी शुरू कर दी है। जिन लोगों के पास कोई काम नहीं था उन्होंने इस मौके का लाभ उठाते हुए बहुत किसान समर्थन झंडे बनाकर बेचने शुरू कर दिए हैं।
उनके अलावा शहर के स्टूडियो में कम लागत में झंडे बनाकर बढ़ी कीमतों में बाजारों में बेचा जा रहा है। इसी बीच कुछ लोगों की ने यह विचारधारा बना ली है कि जिस गाड़ी पर किसान समर्थन झंडे या पोस्टर लगे हुए हैं, उन्हें पुलिस द्वारा नहीं रोका जा सकता। ऐसे में चालान से बचने के लिए किसान समर्थन झंडे को अपने वाहनों पर लगाकर घूम रहे हैं। कहीं ना कहीं झंडे का सहारा उग्रवाद ही ले रहे हैं। जिस गाड़ी पर किसान समर्थन झंडे लगे हुए हैं उसे पुलिस द्वारा नहीं रोका जा रहा है। बाजार में किसान समर्थन विभिन्न प्रकार के डिजाइन दार झंडे 300 से लेकर 3500 की बड़ी कीमत तक बिक रहे हैं। जिससे दुकानदारों को काफी लाभ मिल रहा है। इनके अलावा लंगर और टेंट बालों को भी रोजगार मिल गया है।
जालंधर में किसान आंदोलन के समर्थन में लोगों ने वाहनों में सवार होकर रैली निकाली।
300 से 3000 तक की कीमत में बिक रहे झंडे
शहर के बाजार में लोग किसान समर्थन विभिन्न डिजाइन के झंडे, पोस्टर एवं बैनर बनाकर बेच रहे हैं। जिसकी खरीदारी ज्यादातर किसान के समर्थन में खड़े लोग ले रहे हैं। इंसानों को बनाने की लागत केवल डेढ़ सौ से 500 तक की आती है। लेकिन इसे बाजार में 3000 से लेकर 4000 की कीमत पर बेचा जा रहा है। लोग इंटरनेट से किसान से संबंधित कोई भी लोगो लेकर फोटो स्टूडियो के बालों के पास जा रहे हैं और अपनी पसंद अनुसार झंडा या बैनर बनवा रहे हैं। जो लोग किसान समर्थक नहीं हैं वह सड़क पर जगह-जगह पर खड़े पुलिस एवं चालान से बचने के लिए अपने वाहनों पर झंडे एवं बैनर लगा सरेआम घूम रहे हैं।
किसान हुए बेरोजगार
पिछले कई महीनों से कृषि सुधार बिल के खिलाफ लाखों की तादाद में किसान अपनी खेती बाड़ी छोड़कर रोष प्रदर्शन कर रहे हैं। खेती ही किसानों के कमाई का जरिया है। लेकिन इस समय वह सब कुछ छोड़ कर दिल्ली एवं अन्य स्थानों पर धन्य दे रहे हैं। इनके साथ साथ जालंधर से दिल्ली की ओर चलने वाली बसें एवं टैक्सी वाले मौजूदा समय में बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं।
इन लोगों को मिला रोजगार
बड़े स्तर पर चल रहे किसान आंदोलन ने लॉकडाउन में हुए बेरोजगार लोगों को रोजगार दिया है। इसने इस दौरान सबसे ज्यादा कमाई लंगर एवं टेंट वालों की हो रही है। क्योंकि किसानों के द्वारा जगह-जगह पर धरने दिए जा रहे हैं जिसमें लंगर एवं बैठने के लिए टेंट और दरी का पूरा प्रबंध हो रहा है। एक और जहां सरकार के सबसे शादियां एवं अन्य समारोह पर कोरोना प्रोटोकॉल के तहत लंगर बनाने वाले एवं टेंट वालों का काम प्रभावित हुआ वही किसान आंदोलन ने इन्हें एक नई दिशा दी है।
किसान समर्थन नहीं हूं लेकिन फिर भी लिया है झंडा
शहर के निवासी वरुण का कहना है कि वह ना तो किसान है और ना ही किसान समर्थन केवल पुलिस के चालान से बचने के लिए अपनी गाड़ी पर किसान समर्थन बैनर लगाया है।
किसान समर्थन झंडे एवं बैनर की हो रही ज्यादा डिमांड
रोहित का कहना है कि उनके पास बहुत लोग इंटरनेट पर किसान संबंधी झंडे का डिजाइन देख कर आते है। हम उनकी पसंद मुताबिक ही झंडा और बैनर बना कर दे देते हैं। झंडे की कीमत 250 से लेकर 500 तक है, और बैनर की कीमत ३५०० तक है।