Farmers Protest: रेलवे स्टेशन पर 2000 पार्सल भगवान भरोसे, सुरक्षा के लिए कोई कर्मचारी तैनात नहीं
कुछ उद्योगपति ऐसे हैं जिन्होंने रेलवे को पत्र तक लिखा है कि जब भी ट्रेनें चले पार्सल रेल के जरिए ही डिलिवर हो। वहीं दूसरी तरफ इक्का-दुक्का उद्योगपति ऐसे भी हैं जो पार्सलों को रद भी करवा रहे हैं।
जालंधर, जेएनएन। किसानों के रेल रोको आंदोलन की वजह से दो महीने से यात्री ट्रेनें नहीं चली हैं, जिस वजह से सिटी रेलवे स्टेशन पर दो महीने से 2000 पार्सल (नग) प्लेटफार्म नंबर दो पर पड़े हुए हैं। अधिकतर उद्योपतियों की तरफ से देश के भीतर ही पार्सलों को रेल मार्ग के जरिए ही बुक करवाए जा रहे हैं, क्योंकि रेल मार्ग के जरिए पार्सलों की डिलिवरी को सभी सुरक्षित मान रहे हैं। ऐसे में कुछ तो उद्योगपति ऐसे भी हैं, जिन्होंने रेलवे को पत्र तक लिखा है कि जब भी ट्रेनें चले पार्सल रेल के जरिए ही डिलिवर हो। वहीं, दूसरी तरफ इक्का-दुक्का उद्योगपति ऐसे भी हैं, जो पार्सलों को रद भी करवा रहे हैं। मगर ओवरआल तौर पर देखें तो स्टेशन पर पार्सल बिना सुरक्षा के ही पड़े हुए हैं।
पार्सलों की निगरानी करने के लिए यूं तो आरपीएफ व जीआरपीएफ चक्कर भी लगाते रहते हैं, मगर दिन-रात पार्सलों की निगरानी करना सभी के लिए मुमकिन नहीं हैं। गौर हो कि प्लेटफार्म नंबर दो के पीछे रेलवे यार्ड है और उसके पीछे काजी मंडी का एरिया। जिस वजह से पार्सलों की चोरी के मामले भी कई बार सामने आ चुके हैं। आम दिनों में पार्सलों के पास वेंडर भी दिन रात डयूटी पर रहते हैं और यात्री भी होते है। मौजूदा समय में स्टेशन परिसर पूरी तरह से खाली है, न यात्री हैं और न ही कोई वेंडर का स्टाल, तो पार्सलों की सुरक्षा करना सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है।
पार्सल अफसर अश्विनी कुमार का कहना है कि ट्रेनें न चलने से पार्सलों की डिलिवरी संभव नहीं है। ऐसे में कुछेक ऐसे भी है जो पार्सल बुकिंग रद करवा रहे हैं, मगर बहुत से ऐसे भी हैं जो रेलवे को पत्र लिख कर ट्रेनें चलने पर ही पार्सलों की डिलीवरी संबंधी बुकिंग करवा रहे हैं। जैसे ही ट्रेनें चल पड़ेंगी पार्सलों की डिलीवरी भी संभव हो जाएगी।