चंगा सी आपणा देश, जे सानू पता हुंदा ते नीं जांदे विदेश...
सऊदी अरब में फंसे पंजाबियों के घरवाले परेशान हैं। एक तरफ उनके घर के चिरागों को परदेस में रोटी नसीब नहीं तो दूसरी ओर यहां घरवाले पाई-पाई को मोहताज हैं।
जागरण टीम, होशियारपुर/जालंधर : इससे चंगा तो अपना देश था, यहां पर मेहनत मजदूरी करके घर का गुजारा चल जाता था। चाहे थोड़ा कमाते थे, लेकिन परिवार के साथ तो रहते थे। घर की आर्थिक हालत सुधारने को विदेश गए थे, लेकिन वहां सिवाय परेशानी के कुछ नहीं मिला। ये कहना है सऊदी अरब में काम के सिलसिले में गए लोगों के परिवार वालों का। सऊदी में उन्हें दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही है तो देश में उनके परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।
बातचीत में अपना दर्द बयां करते हुए सऊदी में फंसे लोगों के परिवारों ने कहा कि इससे अच्छा तो आपणा देश था, पता हुंदा ते कही ना जांदे विदेश। बता दें सऊदी में फंसे 4 हजार भारतीयों में से 1400 पंजाबी हैं। होशियारपुर के भी काफी संख्या में लोग इनमें शामिल हैं।
पलविंदर की पत्नी मजदूरी करने को मजबूर
होशियारपुर के गांव अरनियाला शाहपुर की पलविंदर सिंह की पत्नी कुलदीप कौर मजदूरी करने को विवश है। विदेश से पति पैसा नहीं भेज पा रहा है। ऐसे में वह तीन बच्चों का पेट भरने के लिए दिहाड़ी कर रही है। उनका कहना है कि उसने बार-बार कहा था कि आप वापस आ जाओ। कंपनी के हालात भी ठीक नहीं हैं परंतु वह हर बार टाल देता था। वह कहते थे कंपनी से सारा हिसाब करके वापस आ जाऊंगा। कुलदीप ने कहा कि आठ महीने से न तो ढंग से फोन पर बात हुई और न ही उन्होंने पैसे भेजे।
पलविंदर भाई के भी नहीं कर पाया अंतिम दर्शन
पलविंदर के छोटे भाई गुरजिंदर का दस दिन पहले देहांत हो गया था। पति ने पहले तो फोन कर दिलासा दिया कि वह संस्कार पर आएंगे। बाद में कहा कि कंपनी वालों ने पैसे नहीं दिए। परिजन इंतजार करते रहे। पति भाई का आखिरी बार मुंह भी नहीं देख पाए। कुछ लोगों ने पैसे उनके फोन में डलवाए और वीडियो कॉल करके उन्होंने अपने भाई का आखिरी बार मुंह देखा। कुलदीप कौर ने बताया कि पति का इस 10 दिसंबर को वीजा खत्म होने वाला है। हमें कुछ समझ नहीं आ रहा है।
मुसीबतों में फंसे बेटे के गम में मां की हो गई मौत
गढ़शंकर : गांव बोड़ा के नरोत्तम प्रभाकर ने बताया कि वह दो भाई हैं उससे छोटा भाई अरविंद कुमार मामा जगदीश राम के लड़के शिवकुमार के साथ सऊदी गया था। उनके भाइयों ने उसे फोन पर कहा कि आठ माह से वेतन नहीं मिल रहा है। भाई अक्सर फोन पर बताते हैं कि कंपनी प्रबंधन उन्हें 800 सऊदी करंसी की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें वापस भारत भेजा जा सके। शिवकुमार को देखने से पहले ही उसकी मां कौशल्या देवी की मौत हो गई जिसके शुक्रवार को अंतिम रस्म थी। अरविंद के तीन बच्चे हैं।
सऊदी अरब में फंसे रामलाल के परिवार वाले अपनी आपबीती सुनाते हुए।
मुसीबतों में फंसा राम लाल का परिवार
मुकेरियां : गांव सुंदरपुर से कंपनी में फंसे राम लाल की मा जोगिंदर कौर ने बताया कि बेटे को विदेश गए तीन साल हो जाएंगे। पहले दो साल तो काम ठीक चलता रहा। उसके बाद बेटे करीब 8 महीने पहले पैसे भेजने बंद कर दिए। जोगिंदर कौर ने बताया कि उनके 4 बेटे व 4 बेटियां हैं। दो बेटे व 2 बेटियां शादीशुदा हैं। उसके बच्चे छोटे ही थे कि पति हरि चंद की मौत हो गई थी। घर के हालात ठीक होने लगे थे कि अब जहां बेटा काम करता है वह कंपनी बंद होने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। राम लाल की तीन बेटियां हैं।