Fraud in Jalandhar: मैं आरबीआइ से बोल रहा हूं, आपकी 35 लाख की लाटरी निकली है... कह 17 लाख ठगे
लाटरी निकलने के नाम पर पैसे ठगने के सैकड़ों केस सामने आने के बावजूद लोग साइबर ठगों का शिकार बन रहे हैं। कभी बैंक का अधिकारी बन तो कभी किसी कंपनी का मुलाजिम बन लोगों को ठगा जा रहा है।
जालंधर, जेएनएन। लाटरी निकलने के नाम पर पैसे ठगने के सैकड़ों केस सामने आने के बावजूद लोग साइबर ठगों का शिकार बन रहे हैं। कभी बैंक का अधिकारी बन तो कभी किसी कंपनी का मुलाजिम बन लोगों को ठगा जा रहा है। ताजा मामले में एक किसान को आरबीआइ का अधिकारी बनकर लूट लिया गया। पुलिस को दी शिकायत में कोठा गांव के किसान राज¨वदर ¨सह ने बताया कि 15 जून को उसे वाट्सएप काल आई।
काल करने वाले ने खुद को आरबीआइ का अधिकारी बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार की एक योजना के तहत आपको 35 लाख की लाटरी निकली है। पैसे लेने के लिए 25 हजार रुपये टैक्स भरना होगा। उसके बाद खाते में खुद से पैसे आ जाएंगे। राजविंदर ने बताया कि उनकी बातों में आकर उसने 25 हजार जमा करवा दिए। चूंकि पैसे बैंक ट्रांजेक्शन के रूप में भेजे गए इसलिए उन्हें शक भी नहीं हुआ। एक बार पैसा जमा करवाने के बाद आरोपित अलग-अगल टैक्स के नाम पर उससे कभी 35 हजार तो कभी 43 हजार जमा करवाते रहे।
राज¨वदर ने बताया कि बचे हुए पैसे निकलवाने के लिए वह उनके जाल में इस कद्र फंस गया कि अब तक 17.38 लाख रुपये जमा करवा चुका हूं। आखिर तंग आकर उसने पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने मामले की जांच के बाद पांच आरोपितों पर केस दर्ज किया है।
सभी आरोपित बिहार, असम व झारखंड के रहने वाले हैं। साइबर सेल की जांच में सामने आया है कि पीड़ित ने जिन खातों में पैसे जमा किए थे, उन खाते से पैसे कुछ खातों में ट्रांसफर हुए। उन खातों की जांच में असम की आनंदा बाजार निवासी जया देवनाथ, सनियारा परवीन निवासी पोटा असम, हेमा देवी निवासी ईस्ट चंपारण बिहार, सुगौली सीतामढ़ी बिहार निवासी संभावती देवी और जमशेदपुर झारखंड निवासी अमित कुमार के नाम सामने आए हैं। इन पांचों पर केस दर्ज किया गया है। -ऐसे बचें ठगों से -केंद्र या राज्य सरकार की कोई लाटरी स्कीम नहीं है जिससे आपके खाते में लाखों रुपये आएं। -कोई बैंक, कंपनी अथवा फर्म आपको फोन नहीं करती कि बिना लाटरी डाले आपकी लाटरी निकल आई हो। -ऐसी कोई भी काल आए तो किसी के खाते में एक रुपये की ट्रांजेक्शन भी न करें। इससे आपके बैंक खाते खाली हो सकते हैं। -ठगों के जाल में एक बार पैसे भर भी दिए हों तो बार-बार पैसे न फंसे और पुलिस को शिकायत करें।