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Dainik Jagran Facebook Live: स्कूल फीस को लेकर एक्सपर्ट ने दिए अभिभावकों के सवालों के जवाब

स्कूल फीस और ट्रांसपोर्टेशन चार्जेज के मु्द्दे पर रविवार को दैनिक जागरण फेसबुक लाइव पर एक्सपर्ट अनिल चोपड़ा ने व्यूअर्स और दैनिक जागरण पाठकों के सवालों के जवाब दिए।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 03:19 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 03:19 PM (IST)
Dainik Jagran Facebook Live: स्कूल फीस को लेकर एक्सपर्ट ने दिए अभिभावकों के सवालों के जवाब
Dainik Jagran Facebook Live: स्कूल फीस को लेकर एक्सपर्ट ने दिए अभिभावकों के सवालों के जवाब

जालंधर, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए ही शिक्षण संस्थानों को बंद रखा गया है। ऐसे में ऑनलाइन क्लासेस चलाई गईं और अब स्कूल फीस को लेकर अभिभावक और स्कूल मैनेजमेंट आमने सामने हैं। इन्हीं मुद्दों को स्पष्ट करने के लिए दैनिक जागरण फेसबुक लाइव पर व्यूअर्स और पाठकों के जवाब दिए एक्सपर्ट अनिल चोपड़ा ने। वह कन्फेडरेशन ऑफ अनएडिड स्कूल एंड कॉलेजिस एसोसिएशन (कासा), पंजाब के अध्यक्ष है। फेसबुक पर बड़ी संख्या में अभिभावकों ने सवाल पूछे।

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जब स्कूल बंद है तो फिसें क्यों?

कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान स्कूल फीस नहीं लेना चाहते हैं पर सरकार भी अपनी जिम्मेदारी समझे। जिस तरह से सरकार ने बाकी सेक्टर के लिए फंड जारी किए हैं, उसी तरह स्कूलों के लिए भी फंड जारी करे।

ऑनलाइन क्लासेज क्या हैं, व्हाट्सएप पर तस्वीर भेजना काफी है क्या

कोरोना संक्रमण की वजह से हालात ही ऐसे बन गए हैं ऑनलाइन क्लासेज लगानी पड़ी हैं। जो आने वाले समय में डिजिटल के लिए बेहतर साबित होंगी। शिक्षक दिन-रात मेहनत करके ऑनलाइन क्लासेज लगाते रहेंगे।

ऑनलाइन क्लासेज लगाने में अभिभावकों का खर्च भी बड़ा है

ऑनलाइन क्लास लगाने में अभिभावकों का ही नहीं, स्कूलों का भी खर्च बढ़ा है। इसमें तो बच्चों की बेहतरी को ध्यान में रखते हुए दोनों तरफ से प्रयास करते रहने चाहिए।

लॉकडाउन में कामकाज नहीं चला फीसें कैसे भरें

ऐसे में सरकार को ही चाहिए कि वह अपनी जिम्मेदारियों का पालन करे। स्कूलों की तरफ से तो आपको को राहत देने के लिए हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। अगर कोई अभिभावक किसी कारणवश फीस नहीं दे सकता तो वह अपना बाजिब कारण जरूर बताएं। अगर स्कूल मैनेजमेंट उनकी सहायता नहीं करती है तो हमें बताएं। हम उनकी मदद करने के लिए तैयार हैं।

स्कूल प्रबंधन ने लीविंग सर्टिफिकेट रोक लिए हैं

स्कूलों की तरफ से बच्चों के स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट नहीं रोके जा सकते हैं। इसके लिए अभिभावक अपने बैलेंस क्लियर करते रहें। फिर भी कहीं परेशानी आती है तो मदद के लिए संपर्क कर सकते हैं।

ट्रांसपोर्टेशन चली नहीं तो फिर पैसे क्यों भरें

लॉकडाउन के दौरान ट्रांसपोर्टेशन नहीं चली पर उनके टैक्स आदि कई तरह के खर्चे हैं। इस स्थिति को बैलेंस करने के लिए ही अदालत ने 50 फीसद तक ट्रांसपोर्टेशन खर्च लेने की मंजूरी दी है। कोई भी स्कूल इससे ज्यादा फीस मांगता है तो पीड़ित हमसे संपर्क कर सकता है।


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