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परीक्षा की तैयारी : स्कूल खुलते ही प्रैक्टिकल पर जोर

बोर्ड की साइंस स्ट्रीम में थ्यूरी के ही नहीं प्रैक्टिकल्स के अंकों की बेहद अहमियत है। ऐसे में थ्यूरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल्स के अंक भी अछे हों इसलिए विद्यार्थियों और शिक्षकों ने अब इसकी तरफ भी ध्यान देना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Feb 2021 09:04 PM (IST)Updated: Thu, 04 Feb 2021 09:04 PM (IST)
परीक्षा की तैयारी : स्कूल खुलते ही प्रैक्टिकल पर जोर
परीक्षा की तैयारी : स्कूल खुलते ही प्रैक्टिकल पर जोर

अंकित शर्मा, जालंधर: बोर्ड की साइंस स्ट्रीम में थ्यूरी के ही नहीं प्रैक्टिकल्स के अंकों की बेहद अहमियत है। ऐसे में थ्यूरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल्स के अंक भी अच्छे हों, इसलिए विद्यार्थियों और शिक्षकों ने अब इसकी तरफ भी ध्यान देना शुरू कर दिया है।

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कोविड काल के दस महीने तक विद्यार्थियों की तरफ से लगभग आनलाइन ही थ्यूरी की पढ़ाई होती रही है। ऐसे में प्रैक्टिकल्स संभव नहीं था। इस वजह से अब स्कूल खुलते ही प्रैक्टिकल पर सभी को फोकस हो गया। ऐसे में इसके पीरियड में विद्यार्थियों में शारीरिक दूरी बनाए रखना चुनौती बना हुआ था। इसके चलते स्कूलों की तरफ से यह सिस्टम किया गया है कि वे क्लास के आधे-आधे विद्यार्थियों का प्रैक्टिकल्स लगवाया जा रहा है, जबकि बाकी बचे विद्यार्थियों का थ्यूरी पीरियड लगाया जा रहा है। ताकि जिनका प्रैक्टिकल्स का पीरियड न हो उनका समय भी बर्बाद न हो। बैच के आधार पर बुलाए जा रहे विद्यार्थी : प्रिंसिपल वंदना

लॉ ब्लासम स्कूल की डायरेक्टर प्रिसिपल वंदना मड़ीया ने बताया कि विद्यार्थियों की लगभग दस महीने आनलाइन ही क्लासें चली हैं। ऐसे में आनलाइन प्रैक्टिकल्स करवाना संभव भी नहीं था। अब स्कूल खुल गए हैं, तो उन्हें संक्रमण से बचाना भी बहेद जरूरी है। इसके तहत ही आधे-आधे विद्यार्थियों के बैच के आधार पर प्रैक्टिकल्स व थ्यूरी का सिस्टम बनाया गया है। इससे दोनों तरीके से विद्यार्थियों की तैयारी पैरलल चलती रहे।

सभी के लिए शेड्यूल बनाया गया : प्रिसिपल रचना

संस्कृति केएमवी स्कूल की प्रिसिपल रचना मोंगा ने बताया कि सोमवार से केजी से ही अपर कक्षाओं तक का स्कूल पूरी तरह से खुल जाएगा। इसमें समय-समय सीमा के तहत शेड्यूल बनाकर स्कूल की सभी क्लासें लगेंगी। इससे पहले अपर कक्षाएं लगाई जा रही हैं। उनमें प्रैक्टिकल्स की विद्यार्थियों को समस्याएं आ रही थी। इसके तहत ही उनमें क्लास के सभी विद्यार्थियों के बैच बनाकर अलग-अलग टाइमिग के तहत पीरियड लगाया जा रहा है। जिससे विद्यार्थी प्रैक्टिकल्स भी कर सकें और थ्यूरी के पीरियड में अपनी शंकाएं भी दूर कर सकें।


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