माननीय भी नहीं मानते शारीरिक दूरी
अगर हमारे माननीय ही शारीरिक दूरी की धज्जियां उड़ाने आगे आएंगे तो लोगों पर इसका प्रभाव कैसा पड़ेगा।
संवाद सूत्र, शाहकोट : अगर हमारे माननीय ही शारीरिक दूरी की धज्जियां उड़ाने आगे आएंगे तो लोगों पर इसका प्रभाव कैसा पड़ेगा। कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए सरकार की ओर से कर्फ्यू लगाया है और इसे आगे बढ़ाया भी जा रहा है ताकि जिंदगी सुरक्षित रह सके। कोई नियमों की उल्लंघना करता है तो उसके खिलाफ पुलिस की ओर से कड़ी कार्रवाई की जाती है। लेकिन जब लोगों की ओर से चुने हुए प्रतिनिधि ही फिजिकल डिस्टेंसिंग की अनदेखी कर दें तो आगे कैसा संदेश जाएगा। ऐसा ही कुछ शाहकोट में हुआ, जहां पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत नीले कार्ड धारकों के लिए भेजे गए राशन बांटने की शुरुआत विधायक शेरोवालिया ने की। इस दौरान विधायक महोदय व उनके साथ जुड़कर खड़े लोगों को इतना भी ध्यान न रहा कि शारीरिक दूरी को अनदेखा करना कितना भारी पड़ सकता है। जनसेवा या समाजसेवा के नाम पर विधायक ने कोरोना को खुली चुनौती दे दी। शिक्षित शेरोवालिया को यह भी पता नहीं कि उनकी यह 'संक्रमित सेवा' भी हो सकती है।
फिजिकल डिस्टेंस का बायकॉट उनकी ही सरकार की अपील पर सवाल साध रहा है। दूसरी ओर, जब राशन बांटने का आगाज हुआ तो लोगों की लंबी लाइन लग गई। सबसे हैरानी तो उस वक्त हुई जब एक व्यक्ति कार में राशन लेने के लिए पहुंच गया। इसके बाद कार में आए व्यक्ति से पूछा कि क्या आपके पास नीला कार्ड है तो उसने तुरंत नीला कार्ड दिखा दिया। अब सवाल यह भी उठता है कि क्या कार वाला भी योजना का लाभार्थी है। अगर नहीं, तो कैसे उसका नीला कार्ड बन गया। कुछ संपन्न लोगों में लालच इस कदर हावी है कि वह यह नहीं सोचते कि दूसरों का हक खाने से उनका कितना पेट भर जाएगा। वहीं इस दौरान विधायक ने कहा कि हलके में 32 हजार नीले कार्ड धारक हैं। पंजाब सरकार तथा दानी सज्जनों के सहयोग से गांवों तथा कस्बों के लोगों को पहले भी अनाज मुहैया करवाया गया है।