इंग्लिश प्रैक्टिकल : बच्चे हेडफोन में सुनेंगे सवाल, माइक में देंगे जवाब
शिक्षा विभाग की तरफ से पहली बार अंग्रेजी विषय का प्रैक्टिकल लागू किया गया है।
अंकित शर्मा, जालंधर : शिक्षा विभाग की तरफ से पहली बार अंग्रेजी विषय का प्रैक्टिकल लागू किया गया है। दस अंकों का यह प्रैक्टिकल छठी से 12वीं के बच्चों के लिए लागू किया गया है। इसमें छह अंक सुनने और चार अंक बोलने के शामिल किए गए हैं। विद्यार्थियों का अंग्रेजी का लिस्निंग प्रैक्टिकल अध्यापक मोबाइल, रेडियो व स्पीकर से ऑडियो सुनाकर नहीं लेंगे, क्योंकि ऑडियो क्लिप केवल एक ही बार सुनाई जाएगी। इसमें पूछे जाने वाले दस प्रश्नों से किन्हीं चार के प्रश्नों के जवाब देने हैं। विद्यार्थियों के लिए विभाग द्वारा स्कूलों में हेडफोन भेजे जा रहे हैं। ये हेडफोन एजुसेट द्वारा स्थापित की गई ई-लाइब्रेरी में लगाए गए हैं। यहां बच्चे एक ही समय में कंप्यूटर के आगे बैठकर पेपर दे सकेंगे। विभाग की ओर से स्कूलों में हेडफोन व माइक भेजने का काम लगभग पूरा हो चुका है।
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सरकारी स्कूलों के बच्चों का स्तर होगा ऊंचा
अंग्रेजी विषय के जिला मेंटोर चंद्र शेखर का कहना है कि बच्चों में इंग्लिश स्पीकिंग स्किल बढ़ाने के साथ-साथ उनकी अंग्रेजी का शब्द सुनने की क्षमता को बढ़ाना भी जरूरी है। जब तक वे शब्द सुनेंगे नहीं, वे उतनी अच्छी तरह से बोल नहीं पाएंगे। विभाग की ओर से हेडफोन व माइक के जरिए बच्चों की लिस्निंग स्किल बढ़ाने के लिए सराहनीय कदम उठाया गया है। भविष्य में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का स्तर भी काफी ऊंचा होगा।
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बच्चों में हो रहा सुधार
सरकारी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल लाडोवाली रोड की प्रिसिपल बरिदरजीत कौर ने कहा कि बच्चे अच्छे से अंग्रेजी बोलने लगे हैं, उन्हें और बेहतर बनाने के लिए शिक्षक प्रयासरत हैं। शिक्षा विभाग की ओर से बच्चों की लिस्निंग क्षमता बढ़ाने के लिए हेडफोन विद माइक भेजे गए हैं। इनके जरिए बच्चों को अभ्यास करवाया जा रहा है। इससे बच्चे अच्छे से अंग्रेजी के शब्द सुन भी सकेंगे और उन्हें दर्ज भी कर सकेंगे।