जालंधर में सतलुज दरिया के पानी की सप्लाई के लिए सर्वे शुरू, प्रोजेक्ट का टेंडर 525 करोड़ रुपये में फाइनल
इस सर्वे को पूरा करने में करीब दो महीने लग जाएंगे। इसके बाद टीम तकनीकी रिपोर्ट देगी जिसके बाद कंपनी प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने के लिए मशीनरी भेजनी शुरू करेगी। इंजीनियरों की टीम शहर के अंदर भी पानी की सप्लाई के नेटवर्क का सर्वे करेगी।
जालंधर, जेएनएन। सतलुज दरिया से शहर में पीने के पानी की सप्लाई के प्रोजेक्ट पर कांट्रेक्टर कंपनी की टीम ने काम शुरू कर दिया है। कंपनी की दो सदस्यीय इंजीनियरों की टीम आदमपुर से जालंधर तक पाइप लाइन बिछाने के लिए ग्राउंड लेवल चेक कर रही है।
इस सर्वे को पूरा करने में करीब दो महीने लग जाएंगे। इसके बाद टीम तकनीकी रिपोर्ट देगी, जिसके बाद कंपनी प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने के लिए मशीनरी भेजनी शुरू करेगी। नगर निगम के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर सतिंदर कुमार का कहना है कि आदमपुर के गांव जगरावां से जालंधर की एंट्री तक पाइप लाइन बिछाने के लिए ग्राउंड लेवल की जांच ही सबसे महत्वपूर्ण है। इंजीनियरों की टीम शहर के अंदर भी पानी की सप्लाई के नेटवर्क का सर्वे करेगी। शहर में सप्लाई के लिए मौजूदा पाइपलाइन ही इस्तेमाल होगी।
इस नेटवर्क के साथ पानी की टंकियों को जोड़ा जाना है। मौजूदा पानी की टंकियों की भी जांच होगी और नई टंकियां बनाने के लिए भी सर्वे होगा। गांव जगरावां तक पानी बिस्त दोआब नहर के जरिये आना है, जबकि उससे आगे शहर की एंट्री तक मेन पाइप लाइन बिछाई जाएगी। पानी को साफ करके के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट गांव जगरावां में लगाया जाना है। प्रोजेक्ट का टेंडर 525 करोड़ रुपये में फाइनल हुआ है।
शहर में सतलुज दरिया का पानी सप्लाई करने के प्रोजेक्ट पर एलएंडटी कंपनी काम कर रही है। प्रोजेक्ट का उद्देश्य जमीन के पानी की खपत को कम करना है। भूजल स्तर लगातार कम हो रहा है। प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद शहर में चल रहे 550 ट्यूबवेल में से 90 फीसद बंद कर दिए जाएंगे। इससे जमीन के नीचे के पानी का इस्तेमाल बेहद ही सीमित हो जाएगा।
70 एकड़ जमीन खरीदने की प्रक्रिया जारी
गांव जगरावां और गांव डोलीके में वाटर स्टोरेज टैंक और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 70 एकड़ जमीन लगभग फाइनल है। एसई स¨तदर कुमार ने कहा कि दो-तीन दिनों में इसकी रिपोर्ट सरकार को भेज देंगे और उसके बाद किसानों को भुगतान करने का प्रोसेस शुरू होगा। जगरावां में एक्वायर की जा रही जमीन के लिए किसानों को 22.50 लाख प्रति एकड़ का रेट दिया जाएगा। जगरावां में ही 275 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगेगा। यहां पर दो दिन इस्तेमाल होने वाले पानी स्टोर करने की क्षमता वाला का टैंक बनेगा।
वाटर मीटर पॉलिसी लागू करनी होगी
सरफेस वाटर प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद शहर में 24 घंटे पानी की सप्लाई होगी। इसके साथ ही सभी लोगों को पानी का बिल भी देना होगा। इस प्रोजेक्ट के लिए कर्ज इसी शर्त पर मिल रहा है कि नगर निगम को वाटर मीटर पॉलिसी लागू करनी होगी। पॉलिसी के मुताबिक हर घर पर मीटर लगेगा और सभी को पानी का बिल देना होगा। अभी पांच मरले तक के मकानों को पानी का बिल माफ है, जिससे करीब 60 हजार लोग निश्शुल्क पानी इस्तेमाल कर रहे हैं।