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तीन साल बाद भी नहीं शुरू हो पाए इमरजेंसी कॉल बॉक्स

सिक्स लेन हाईवे पर किसी आपात स्थिति में मदद के लिए संचार का अहम साधन बन सकने वाले इमरजेंसी कॉल बॉक्स (ईसीबी) स्थापित किए गए थे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 May 2019 08:54 PM (IST)Updated: Fri, 31 May 2019 08:54 PM (IST)
तीन साल बाद भी नहीं शुरू हो पाए इमरजेंसी कॉल बॉक्स
तीन साल बाद भी नहीं शुरू हो पाए इमरजेंसी कॉल बॉक्स

मनुपाल शर्मा, जालंधर : सिक्स लेन हाईवे पर किसी आपात स्थिति में मदद के लिए संचार का अहम साधन बन सकने वाले इमरजेंसी कॉल बॉक्स (ईसीबी) स्थापित किए गए थे। इसका फायदा यह है कि हाईवे पर यात्रा करने वाले वाहन चालक वाहन के टूटने, दुर्घटना या किसी अन्य यातायात संबंधी समस्या के मामले में ईसीबी पर 'कॉल बटन' दबाकर हेल्प डेस्क से संपर्क कर सकते हैं। लेकिन हालात यह हैं कि करीब तीन साल बीत जाने के बावजूद यह ईसीबी वर्किंग में नहीं आ सके हैं।

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भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की ओर से साल 2016 में 291.9 किलोमीटर लंबे जालंधर-पानीपत सिक्स लेन हाईवे पर ईसीबी लगाने अनिवार्य किए थे। हर दो किलोमीटर के बाद एक बूथ स्थापित किया जाना था। इन बूथों को एसओएस (सेव अवर सोल) के सिद्धांत पर स्थापित किया गया था, जिन्हें अंबाला-पटियाला सीमा पर शंभू में स्थापित किए जाने वाले हेल्प डेस्क से जोड़ने की योजना बनाई गई थी।

राष्ट्रीय राजमार्ग के सर्वेक्षण से पता चलता है कि करीब तीन साल पहले राजमार्ग के किनारे लगाए गए आपातकालीन हेल्पलाइन फोन बूथ वर्किग में नहीं हैं। खास बात यह भी है कि इस हाइवे से गुजरने वाले अधिकतर वाहन चालकों को इन बूथों के बारे में ज्यादा जानकारी भी नहीं है। एनएचएआइ व हाईवे बनाने वाली निजी कंपनी ने वाहन चालकों को जागरूक करने के लिए कुछ खास नहीं किया। कुछ स्थानों पर नोटिस लगाकर खानापूर्ति कर दी गई, जो वाहन चालकों की नजर में भी नहीं आता।

निजी कंपनी को किया जुर्माना

इस बारे में एआई के प्रोजेक्ट कॉन्ट्रैक्टर गौतम विशाल ने कहा कि इस संबंध में निजी कंपनी को जुर्माना किया गया है। इस बारे में कुछ अन्य जानकारी देने से गुरेज करते हुए उन्होंने कहा कि ज्यादा जानकारी लेने के लिए मॉडल टाउन, अंबाला स्थित एनएचएआइ कार्यालय में आकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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