अस्पताल और सिविल सर्जन दफ्तर की बिजली रही गुल
गर्मी और उमस के बीच मंगलवार को बिजली गुल होने से सेहत विभाग के मुलाजिमों व अधिकारियों के पसीने छूट गए।
जागरण संवाददाता, जालंधर
गर्मी और उमस के बीच मंगलवार को बिजली गुल होने से सेहत विभाग के मुलाजिमों व अधिकारियों के पसीने छूट गए। सुबह ही बिजली गुल होने से सिविल सर्जन ऑफिस तथा सिविल अस्पताल में ज्यादातर समय कामकाज ठप रहा। सिविल अस्पताल में लैब, एक्सरे के साथ-साथ क्लेरिकल, कोरोना तथा अन्य विभागों से संबंधित पत्राचार भी प्रभावित हुआ। उधर, सिविल सर्जन कार्यालय में लंबे समय तक बार-बार बिजली गुल होने से कमरों में अंधेरा छाया रहा और मुलाजिमों के गर्मी से पसीने छूटने लगे। कंप्यूटर बंद होने के मुलाजिम अपने कमरों से बाहर निकल कर पेड़ों की छाया में खड़े हो गए। कोरोना मरीजों को लेकर रिपोर्टिंग का काम भी प्रभावित हुआ। सिविल अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. हरिदर पाल सिंह का कहना है कि बिजली कट और तकनीकी फाल्ट एक साथ होने के कारण सेवाओं पर असर पड़ा। हालांकि कोरोना के मरीजों के लिए वार्डों में जनरेटर से बिजली की आपूर्ति की गई। फाल्ट ठीक करवा दिया गया है। ------------- सिविल सर्जन डा. चावला ने विश्व हेपेटाइटिस दिवस बारे जानकारी दी जागरण संवाददाता, जालंधर
सिविल सर्जन डा. गुरिदर कौर चावला ने विश्व हेपेटाइटिस डे पर जानकारी देते बताया कि विश्व हेपेटाइटिस दिवस आम लोगों को हेपेटाइटिस रोग की रोकथाम, इसके इलाज व रोग के होने के कारणों बारे जानकारी देने के लिए हर साल 28 जुलाई को मनाया जाता है।
डा. चावला ने कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते इससे बचाव के लिए जहां चेहरे पर मास्क लगाकर रखना व बार-बार हाथों को साबुन से धोना जरूरी है, वहीं सामाजिक दूरी बनाकर रखना भी बेहद जरूरी है। मंगलवार को हेपेटाइटिस पर बोलते डा. चावला ने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर आम लोगों को समूह में इकट्ठे कर जानकारी देना ठीक नहीं लेकिन सेहत विभाग की तरफ से समय-समय पर प्रिट, इलेक्ट्रानिक मीडिया व सोशल मीडिया द्वारा सेहत संबंधी जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि वायरल हेपेटाइटिस जिगर की सोजिश है और यह वायरल इन्फेक्शन से होती है। सरकार ने हेपेटाइटिस की रोकथाम के लिए नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम तहत हेपेटाइटिस बी व सी की जांच तथा इलाज की सुविधाएं राज्य के 22 जिला अस्पतालों, तीन मेडिकल कालेजों, दो सब डिवीजनल अस्पतालों, 13 एआरटी केन्द्रों व 11 ओएसटी केन्द्रों में दी जाती है। हेपेटाइटिस बी व सी की जांच मुफ्त की जाती है। मेडिकल स्पेशलिस्टों की निगरानी में हेपेटाइटिस सी का इलाज मुफ्त किया जाता है।