अब Containment Zone से बाहर क्वारंटाइन सेंटर में रहेंगे बुजुर्ग, बीमार व गर्भवती महिलाएं, इस वजह से लिया गया फैसला
डीसी घनश्याम थोरी ने जिले में 700 अतिरिक्त बेड वाले क्वारंटाइन सेंटरों का बंदोबस्त करने के लिए कहा है। इसके लिए सभी सब डिवीजन के एसडीएम की ड्यूटी लगाई गई है।
जालंधर, जेएनएन। जिले में कोरोना वायरस से मौतों की दर घटाने के लिए जिला प्रशासन ने अहम कदम उठाया है। अब जिन इलाकों में कोरोना वायरस के मरीज मिलने के बाद उन्हें कंटेनमेंट या माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया जा रहा है, वहां रहने वाले बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और पहले से बीमार चल रहे लोगों को अतिरिक्त क्वारंटाइन सेंटरों में शिफ्ट किया जाएगा। वह क्वारंटाइन सेंटरों में तब तक रहेंगे, जब तक उनका रिहायशी इलाका कंटेनमेंट या माइक्रो कंटेनमेंट जोन से बाहर नहीं आ जाता। इसके लिए डीसी घनश्याम थोरी ने जिले में 700 अतिरिक्त बेड वाले क्वारंटाइन सेंटरों का बंदोबस्त करने के लिए कहा है। इसके लिए सभी सब डिवीजन के एसडीएम की ड्यूटी लगाई गई है।
डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने पंजाब सरकार के मिशन फतेह के अधीन सभी एसडीएम को जारी निर्देश में जालंधर वन और टू सब डिविजन में 400 बेड और नकोदर फिल्लौर व शाहकोट में 300 बेड क्वारंटाइन की सुविधा बढ़ाने को कहा है। डीसी घनश्याम थोरी ने कहा कि कंटेनमेंट और माइक्रो कंटेनमेंट जोन में रह रहे कोरोनावायरस के संक्रमण के लिहाज से संवेदनशील लोगों को यहां शिफ्ट किया जाएगा। इनमें साठ साल से ऊपर के लोग, पहले से बीमार चल रहे और गर्भवती महिलाएं शामिल होंगी। डीसी थोरी ने कहा कि इन लोगों को तब तक अतिरिक्त क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रखा जाएगा, जब तक उनका इलाका कंटेनमेंट जोन से बाहर नहीं आ जाता। उनके साथ एक केयरटेकर को भी रहने की इजाजत दी जाएगी।
इसके अलावा दवाइयां और खाने-पीने की जरूरी चीजों के साथ डायग्नोस्टिक सेवाएं उन्हें सरकारी शर्तों पर सेहत विभाग की तरफ से मुहैया करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि क्वारंटाइन सेंटरों के नजदीकी अस्पताल के सीनियर मेडिकल अफसर सुबह व शाम को इन क्वारंटाइन सेंटरों में डॉक्टरों की विजिट के लिए रोस्टर तैयार करेंगे। इस दौरान नर्सिंग स्टाफ, हेल्पर और अन्य दूसरी श्रेणी के पैरामेडिकल कर्मचारी भी उनके साथ में रहेंगे।