शिक्षा सचिव के निर्देश, कम स्टाफ वाले स्कूलों की हालत सुधारने के लिए फील्ड में उतरें अधिकारी Jalandhar News
शिक्षा अधिकारी फील्ड में निकलें और स्कूलों की हालत सुधारने के लिए जिला नोडल अफसर को इस संबंधी कार्रवाई के लिए भेजेंगे।
जालंधर, जेएनएन। राज्य भर के कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जहां शिक्षकों सहित स्कूल स्टाफ की संख्या 30 से अधिक है तो कहीं इससे भी कम। जिन स्कूलों में स्टाफ कम है वहां क्लर्कों की पोस्टें भरी हुई हैं और जहां ज्यादा स्टाफ है वहां खाली है। ऐसे में स्कूलों के कामकाज के साथ-साथ अध्यापकों को क्लर्की भी करनी पड़ रही है। अध्यापक बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ अध्यापक व स्टाफ के बिल बनाने के अलावा रूटीन कार्य कर रहे हैं। जिससे बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है।
ऐसे कई मामले शिक्षा विभाग के ध्यान में आए हैं। इसलिए सभी जिला शिक्षा अधिकारी अपने-अपने अधीन आने वाले स्कूलों की जांच पड़ताल करके उनके कार्यों को सुनिश्चित करें। क्लर्कों को नजदीकी स्कूलों का अतिरिक्त चार्ज दिया जाए, ताकि अध्यापकों पर क्लर्की के कामकाज का बोझ न पड़े। शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने इस संबंध में अभी से स्थिति को सुधारने के लिए यत्न करने के आदेश जारी कर दिए हैं। उनके अनुसार सूबे में कई स्कूलों में स्टाफ 30 से बेहद कम होने के बावजूद वहां क्लर्क है, जबकि जहां स्टाफ अधिक है वहां पोस्ट खाल पड़ी हुई है। इसी कारण सारी समस्या आ रही है। इसलिए शिक्षा अधिकारी फील्ड में निकलें और स्कूलों की हालत सुधारने के लिए जिला नोडल अफसर को इस संबंधी कार्रवाई के लिए भेजेंगे।
नोडल अफसर जिला शिक्षा अफसर से प्राप्त अर्जी की स्वीकृति के लिए डायरेक्टर शिक्षा विभाग सीनियर सेकेंडरी पंजाब के पास भेजेंगे। जहां से मंजूरी मिलने के बाद वे वापस जिला शिक्षा अफसर को निजी तौर पर भेजेंगे ताकि जल्द से जल्द हालातों को सुधारा जा सके।
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