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डीईओ जालंधर के निलंबन का आदेश लागू नहीं करवा पाए मंत्री सोनी, छह दिन बाद दी ये सफाई

शिक्षा मंत्री ओपी सोनी के डीईओ जालंधर को सस्पेंड करने के आदेश घोषणा तक सीमित है। छह दिन बाद भी वे अपने ही आदेश पर अमल नहीं करवा पाए हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 10:28 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 10:28 AM (IST)
डीईओ जालंधर के निलंबन का आदेश लागू नहीं करवा पाए मंत्री सोनी, छह दिन बाद दी ये सफाई
डीईओ जालंधर के निलंबन का आदेश लागू नहीं करवा पाए मंत्री सोनी, छह दिन बाद दी ये सफाई

जालंधर [सत्येन ओझा]। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्यों में से एक शिक्षामंत्री ओपी सोनी पर जिला शिक्षा अधिकारी सतनाम सिंह बाठ भारी पड़ते दिख रहे हैं। जिला शिकायत निवारण कमेटी की बैठक में 5 जनवरी को बैठक से अनुपस्थित रहे डीईओ के सस्पेंशन की घोषणा करने के बाद शिक्षा मंत्री 6 दिन बाद ही अपने अधीनस्थ शिक्षा सचिव से सस्पेंशन के आदेश पर अमल नहीं करवा पाए। उलटा डीईओ का बयान मीडिया में आने के बाद शुक्रवार को उन्हें दूसरी बार सफाई देनी पड़ी। शिक्षा मंत्री ने दावा किया कि जिस दिन उन्होंने डीईओ के सस्पेंशन की घोषणा की थी, वे लीव पर नहीं थे। उन्होंने सही घोषणा की थी, इस प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

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सोनी ने शुक्रवार को भी दोहराया कि डीईओ मेडिकल लीव पर थे। उनके निलंबन की कार्रवाई सही है। डीईओ का कहना है कि वह कैजुएल लीव पर थे। उन्हे बुखार था। इसलिए डिप्टी डीईओ को उन्होंने शिक्षा मंत्री की बैठक में भेज दिया था। पहले डीईओ ने बयान दिया था कि वह मेडिकल लीव पर थे। आज उन्होंने कहा कि वह बुखार होने के कारण दफ्तर में आने के बाद छुट्टी पर चले गए थे। उन्होंने अमृतसर में हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के डॉक्टर राजेश सेठ से दवाइयां भी ली थीं। इसके बाद शाम को उन्होंने अमृतसर में शिक्षा मंत्री के घर हाजिरी भी लगाई थी। डीईओ के पास फिलहाल इस बात का जवाब नहीं है कि अगर उन्हें बुखार था तो उन्होंने मेडिकल लीव क्यों नहीं ली।

 यह था मामला

5 जनवरी को जिला शिकायत निवारण कमेटी की शिक्षा मंत्री ओपी सोनी की अध्यक्षता वाली बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी सतनाम सिंह बाठ नहीं पहुंचे थे। उनकी अनुपस्थिति का पता चलने पर शिक्षा मंत्री ने इसे घोर लापरवाही मानते हुए सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। बैठक समाप्त होने से पहले ही डीईओ सतनाम सिंह मीडिया को बता चुके थे कि बीमार होने के कारण वे 2 जनवरी से लेकर 7 जनवरी तक मेडिकल लीव पर हैं। बैठक से बाहर निकलने पर जब शिक्षा मंत्री ओपी सोनी से डीईओ के मेडिकल लीव पर होने की दलील के संबंध में पूछा गया तो मंत्री अपनी ही घोषणा से पलट गए। उन्होंने जवाब दिया था कि उन्होंने डीईओ को सस्पेंड नहीं किया है बल्कि भविष्य में वे जिला शिकायत निवारण जैसी महत्वपूर्ण मीटिंग में गैरहाजिर न रहें, इसलिए उन्होंने घोषणा की थी।

बेबसी : आदेश घोषणा तक ही सीमित

नकोदर में शुक्रवार को सरपंच व पंचों के शपथ ग्रहण समारोह में जब मीडिया ने फिर उनसे डीईओ के सस्पेंशन को लेकर बात की तो उन्होंने सफाई दी कि डीईओ सतनाम सिंह को सस्पेंड करने का आदेश जिस दिन उन्होंने दिया था उस दिन वे मेडिकल लीव पर नहीं थे। हालांकि अभी तक डीईओ के सस्पेंशन का आदेश मंत्री की घोषणा तक सीमित है। छह दिन बाद भी वे अपने ही आदेश पर सरकार से अमल नहीं करा पाए हैं।

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