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अमृतसर में आइसीपी में बारिश से भीगे Dry Fruit, छतों से टपक रहे बरसाती पानी से करोड़ों का माल हो रहा खराब

अमृतसर में इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट के अधिकारियों की ड्यूटी बनती है कि माल की सुरक्षा की जा सकें। हालात यह है कि छतों से पानी न टपककर जमीन पर न गिरे इसके लिए आइसीपी में दो छोटे-छोटे डिब्बे रख दिए हैं।

By Vinay KumarEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 09:19 AM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 09:19 AM (IST)
अमृतसर में आइसीपी में बारिश से भीगे Dry Fruit, छतों से टपक रहे बरसाती पानी से करोड़ों का माल हो रहा खराब
अमृतसर में इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पर छतों से टपक रहा पानी।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। दो दिन से हो रही बारिश से इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आइसीपी) भी बच नहीं पाई। आइसीपी की छतों से पानी टपक रहा है और इस कारण वहां पर पड़ा करोड़ों रुपये का ड्राईफ्रूट खराब हो रहा है। मौजूदा समय में पाकिस्तान से ट्रेड पूरी तरह बंद है। मगर अफगानिस्तान से पाक के रास्ते ही ड्राईफ्रूट भारत में आ रहा है, जो आइसीपी पर उतरता है। दो दिनों से बारिश हो रही है और दो दिन पहले आया सारा माल वहां पर पड़ा है और पानी के कारण खराब हो रहा है। आइसीपी के अधिकारियों की ड्यूटी बनती है कि माल की सुरक्षा की जा सकें। हालात यह है कि छतों से पानी न टपककर जमीन पर न गिरे, इसके लिए आइसीपी में दो छोटे-छोटे डिब्बे रख दिए हैं। यूं भी कह सकते हैं कि करोड़ों रुपये के माल को बचाने के लिए केवल दो डिब्बे ही आइसीपी के पास मौजूद हैं।

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अधिक पैसे देकर भी माल सुरक्षित नहीं: मेहरा

आईसीपी पर माल आने के बाद दो दिन के भीतर इसे उठाना होता है। इसके लिए चार रुपये प्रति टन के हिसाब से अदा किया जाता है। दो दिन से ऊपर होने पर 50 रुपये प्रति टन के हिसाब से अदा करना होता है। फेडरेशन आफ करियाना एंड ड्राईफ्रूट कामर्शियल एसोसिएशन के प्रधान अनिल मेहरा ने बताया कि वह लोग ज्यादा पैसे भी दे रहे हंै। इसके अलावा 12 रुपये प्रति बैग लैंड पोर्ट आफ इंडिया को दे रहे है। यह पैसा इसलिए दिया जाता है ताकि उनका माल सही ढंग से रिसीव किया जा सके। इसके बाद भी उनका माल सुरक्षित नहीं है।

रोजाना आ रहे करीब 30 ट्रक

अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के कारण पहले ही व्यापार में कुछ कमी आई है। इसका नतीजा है कि 50-60 की बजाए, रोजाना केवल 30 के करीब ही ट्रक आ रहे हैं। ऐसे में व्यापारियों को ङ्क्षचता है कि एक तो उनका व्यापार पहले से घाटे में चल रहा है। दूसरा पुख्ता इंतजाम न होने के कारण जो माल आया है, उसे भी खराब होने के लिए छोड़ दिया गया है।


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