बंदी सिखों की रिहाई के लिए एसजीपीसी ने 9 सदस्यीय कमेटी की गठित, 19 मई को होगी पहली बैठक
देश की अलग-अलग जेलों में लंबे समय से बंद सिखों की रिहाई के लिए एसजीपीसी ने साझा पंथक प्रयत्न शुरू कर दिए हैं। एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने बताया कि इस कमेटी की पहली बैठक में 19 मई को अमृतसर में बुलाई गई है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : देश की अलग-अलग जेलों में लंबे समय से बंद सिखों की रिहाई के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने साझा पंथक प्रयत्न शुरू कर दिए हैं। इसके तहत एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने एक नौ सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में अलग-अलग सिख राजनीतिक, सामाजिक व धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है।
इस कमेटी में एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी, अकाली दल बादल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, अकाली दल अमृतसर के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान, संत समाज की ओर से दमदमी टकसाल के मुखी बाबा हरनाम सिंह धुम्मा, निहंग जत्थेबंदी तरना दल हरिया वेलां वाले के मुखी बाबा निहाल सिंह, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके, अकाली दल दिल्ली के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना, हरियाणा सिख गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष बाबा बलजीत सिंह दादूवाल और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका को शामिल किया गया है।
श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश पर 11 मई को एसजीपीसी के कार्यालय तेजा सिंह समुद्री हाल में पंथक जत्थेबंदियों की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में सभी संगठनों के प्रतिनिधियों को एसजीपीसी के अध्यक्ष को कमेटी में सदस्यों को शामिल करने के अधिकार दिए थे। इसके तहत ही यह कमेटी गठित की गई है। एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने बताया कि इस कमेटी की पहली बैठक में 19 मई को अमृतसर में बुलाई गई है।
पाकिस्तान में सिख कारोबारियों की हत्या करने वालों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई : सीकेडी
अमृतसर। चीफ खालसा दीवान (सीकेडी) ने पाकिस्तान के पेशावर शहर में दो सिख कारोबारियों रणजीत सिंह और कुलजीत सिंह की हत्या की निंदा की है। सीकेडी के अध्यक्ष डा. इंद्रबीर सिंह निज्जर व आनरेरी सचिव सविंदर सिंह कत्थूनंगल ने कहा कि पाकिस्तान में एक योजनाबद्ध ढंग से सिखों को निशाना बना कर सिखों की हत्या की जा रही है। पाकिस्तान सरकार को वहां रहने वाले सिखों की जानमाल की रक्षा के उचित प्रबंध करने चाहिए। जिन लोगों ने हत्या की है, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। भारत सरकार भी पाकिस्तान सरकार के साथ बातचीत कर कार्रर्वा के लिए दबाव बनाए।