जालंधर में धुंध में निजी बसों की रफ्तार करवा सकती है हादसा, हाईवे पर ओवरस्पीडिंग पर नहीं रखी जा रही नजर
जालंधर में अलसुबह और देर शाम भारी धुंध के बावजूद सवारी उठाने के कंपटीशन में निजी बसों की अंधाधुंध रफ्तार किसी भी समय हादसे की वजह बन सकती है। अलसुबह और देर शाम हाईवे के ऊपर धुंध में वाहनों की रफ्तार चेक करने के लिए कोई चेकिंग नहीं होती है।
जालंधर, [मनुपाल शर्मा]। अलसुबह और देर शाम भारी धुंध के बावजूद सवारी उठाने के कंपटीशन में निजी बसों की अंधाधुंध रफ्तार किसी भी समय हादसे की वजह बन सकती है। अलसुबह और देर शाम हाईवे के ऊपर धुंध में वाहनों की रफ्तार चेक करने के लिए कोई चेकिंग नहीं होती है और निजी बसें हाईवे पर जा रहे अन्य वाहनों के लिए खतरा बनी नजर आती हैं। साधारण बसों के अलावा अब राज्य में वातानुकूलित निजी बसों का संचालन शुरू हो चुका है और उनकी रफ्तार तो साधारण बसों से भी ज्यादा रहती है।
निजी बसों की तेज रफ्तार और लगातार और ऊंची आवाज में विभिन्न तरह के हॉर्न बजाने से धुंध में अन्य वाहनों के लिए स्थिति और भी खतरनाक बन जाती है। सुबह और शाम के समय यात्रियों की संख्या कुछ ज्यादा रहती है और इन दोनों ही समय ज्यादा से ज्यादा यात्री बस में बैठाने को लेकर निजी बसों में रफ्तार का खतरनाक कंपटीशन शुरू हो जाता है। पंजाब रोडवेज एवं पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (पीआरटीसी) की बसें ज्यादातर स्टॉपेज के ऊपर ही खड़ी होती है, लेकिन निजी बसें कहीं भी खड़ी होकर यात्री बसों में सवार करवाने लगती हैं। ज्यादा देर तक बसें यात्रियों का इंतजार खड़ी होकर करती रहती हैं और उसके बाद फिर टाइम की बचत बस की रफ्तार बढ़ा कर की जाती है।
इस बारे में पंजाब रोडवेज के जनरल मैनेजर नवराज बातिश ने बताया कि रोडवेज हाईवे के ऊपर निजी बसों की रफ्तार चेक करने को अधिकृत नहीं है उन्होंने कहा कि रोडवेज अपनी बसों की रफ्तार को नियंत्रित रखने के लिए दिशानिर्देश जारी कर चुकी है और बसों में रफ्तार नियंत्रण में रखने के लिए उपकरण भी लगवाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि निजी बसों की रफ्तार चेक करने की जिम्मेदारी ट्रैफिक पुलिस की है।
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