जालंधर में लाजवंती अस्पताल के डा. मनु वासुदेव का निधन, कुछ दिनों से लीवर की समस्या से जूझ रहे थे
आईएमए के सचिव डा. नरेश बाठला ने बताया कि डा. मनु वासुदेव पिछले कुछ दिनों लीवर की समस्या से जूझ रहे थे। परिवार उन्हें लीवर ट्रांसप्लांट करवाने के लिए हैदराबाद लेकर गया जहां बुधवार देर शाम डा. मनु वासुदेव जिंदगी की जंग हार गए।
जागरण संवाददाता, जालंधर। जालंधर ने एक युवा सर्जन डाक्टर को खो दिया है। लाजवंती अस्पताल के चेयरमैन डा. वीके वासुदेव के बेटे डा. मनु वासुदेव (45) का बुधवार देर शाम देहांत हो गया। उनका अंतिम संस्कार वीरवार को माडल टाउन शमशानघाट में शाम साढ़े पांच बजे सम्पन्न होगा। उनके निधन के बाद शहर में शोक की लहर फैल गई। आईएमए के सचिव डा. नरेश बाठला ने बताया कि डा. मनु वासुदेव पिछले कुछ दिनों लीवर की समस्या से जूझ रहे थे। परिवार उन्हें लीवर ट्रांसप्लांट करवाने के लिए हैदराबाद लेकर गया, जहां बुधवार देर शाम डा. मनु वासुदेव जिंदगी की जंग हार गए। उनकी मौत को लेकर आईएमए के सदस्यों व पदाधिकारियों ने परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।
जौहल अस्पताल के डा. बीएस जौहल ने बताया कि डा. मनु वासुदेव एक युवा सर्जन थे। उन्होंने काफी कम समय में जटिल आपरेशन कर शहर में नाम बनाया था। उन्होंने अपने पिता डा. वीके वासुदेव की तरह ही एक अलग पहचान बना ली थी। उनका अपने दोस्तों के साथ-साथ माता-पिता व मरीजों से भी गहरा रिश्ता था। उनकी खासियत थी कि मरीजों को भी परिवार की भांति प्यार करते थे और कम से कम समय में इलाज कर अस्पताल से घर भेज देते थे।
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‘घर-घर रोजगार व करोबार’ मिशन के तहत रोजगार विभाग की तरफ से कैंप लगाए जा रहे हैं। इस क्रम में बुधवार को वचरुअल कैंप लगाया गया जिसमें आईटी कंपनी माइक्रोसाफ्ट में युवाओं का चयन हुआ। इस दौरान एनआईटी की छात्र दिशिका का चयन 42 लाख रुपये प्रति वर्ष व डीएवी यूनिवर्सिटी के अयान को 12 लाख रुपये के पैकेज पर चयनित किया गया। इसे लेकर जिला रोजगार ब्यूरो के सीईओ जसप्रीत सिंह ने कहा कि सरकार की योजना के मुताबिक राज्य में बेरोजगारी के खात्मे के लिए उक्त मुहिम चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि युवाओं की प्रतिभा के मुताबिक उन्हें रोजगार के अवसर मुहैया करवाए जा रहे है।