करतारपुर में दिल दहला देने वाली घटना, खूंखार कुत्तों ने बच्ची को नोंच-नोंचकर मार डाला
पांच महीने की बच्ची झोपड़ी में अकेली सो रही थी। मां बाहर दूध लेने गई थी। भाई-बहन बाहर खेल रहे थे। इसी बीच खूंखार कुत्तों ने उसे नोंच डाला।
जालंधर, जेएनएन। करतारपुर के गांव पसना में झोंपड़ी में सो रही बच्ची को कुत्तों ने नोंच-नोंचकर मार डाला। बच्ची की मां उसे दूध पिलाकर सुलाने के बाद बाहर गई हुई थी कि पीछे से खूंखार कुत्तों ने बच्ची को निशाना बना डाला। रविवार को पुलिस ने बच्ची का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिया।
थाना प्रभारी पुष्प बाली के मुताबिक, बच्ची के पिता बबुआन ने बताया कि वे मूल रूप से बिहार के निवासी हैं और पिछले दस साल से गांव पसना की ड्रेन के पास झुग्गी में रहते हैं। उसके पांच बच्चे हैं, जिसमें सबसे सबसे छोटी बच्ची पांच माह की थी। शनिवार को वह काम पर गया था और उसकी पत्नी बच्ची को सुलाकर दूध लेने चली गई। बाकी बच्चे बाहर खेलने चले गए। थोड़ी देर बाद उसकी पत्नी वापस आई तो देखा कि कुत्तों ने बच्ची को नोंच-नोंचकर मार डाला है। परिजनों ने किसी के खिलाफ कोई बयान नहीं दिए।
दो साल में कुत्तों ने तीन को उतारा मौत के घाट
जालंधर में बीते दो साल में आवारा कुत्तों के नोंचने से एक महिला और दो बच्चों की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद निगम प्रशासन आज तक आवारा कुत्तों की समस्या खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया। एडवोकेट आरके भल्ला ने बताया कि किसी की मौत या जख्मी होने के मामले में परिजन नगर निगम और सरकार के खिलाफ पुलिस केस कर सकते हैं ताकि उनको मुआवजा मिल सके। पुलिस इस मामले में 174 की कार्रवाई करती है तो मुआवजा मिल सकता है।
पुलिस स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई कर सकती है
किसी को आवारा कुत्तों ने नोच-नोच कर मार डाला और पुलिस शिकायत के इंतजार में हैं। हालांकि पुलिस के पास यह अधिकार है कि वह इस प्रकार के मामलों का स्वत: संज्ञान लेकर संबंधित अथॉरिटी के खिलाफ मामला दर्ज करके कारवाई करे।
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