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बजट से उम्मीदें: सस्ते इलाज और शिक्षा के लिए विशेष पैकेज तैयार करे सरकार

तंदरुस्त पंजाब के तहत बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए विशेष पैकेज तैयार करना होगा। इससे डॉक्टरों को सस्ता कर्ज, सस्ती चिकित्सा शिक्षा से सस्ते इलाज की राह खुलेगी।

By Sat PaulEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 01:37 PM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 08:29 PM (IST)
बजट से उम्मीदें: सस्ते इलाज और शिक्षा के लिए विशेष पैकेज तैयार करे सरकार
बजट से उम्मीदें: सस्ते इलाज और शिक्षा के लिए विशेष पैकेज तैयार करे सरकार

जेएनएन, जालंधर। मौजूद समय में डॉक्टर बनना काफी महंगा हो गया है। इसका असर इलाज करवाने वाले मरीजों पर भी पड़ रहा है। सरकारी अस्पतालों में भले ही स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त हैं, लेकिन आर्थिक मंदी से गुजर रही सरकार के पास सुविधाओं का अभाव है। यही कारण है कि लोग सरकारी अस्पतालों में जाने से कतराते हैं। ऐसे में लोगों का कहना है कि राज्य सरकार को तंदरुस्त पंजाब के तहत बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए विशेष पैकेज तैयार करना होगा। इससे डॉक्टरों को सस्ता कर्ज, सस्ती चिकित्सा शिक्षा से सस्ते इलाज की राह खुलेगी। विधानसभा में पेश होने वाले पंजाब के बजट से उम्मीदों के बारे में दैनिक जागरण ने शहर के कई डॉक्टरों से बातचीत की।  

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अस्पतालों को इंडस्ट्री की कैटेगरी में लाए सरकार

आइएमए पंजाब के मनोनीत प्रधान डॉ. नवजोत सिंह दहिया का कहना है कि डॉक्टर सरकार को इंडस्ट्री की तर्ज पर टैक्स व खर्चे जमा करवाते हैं। अस्पतालों को इंडस्ट्री की कैटेगरी में लाना चाहिए। इससे डाॅक्टरों को बैंकों से सस्ते कर्ज के साथ सब्सिडी भी मिलेगी। ऐसे में इलाज भी सस्ता होगा। वहीं मरीजों को बेहतरीन सेवाएं मुहैया करवाने के लिए स्वास्थ्य बीमा की सुविधा मिलने की संभावनाएं है। 

बुजुर्गों को मिले मुफ्त स्वास्थ्य सेवा

आइमा के प्रधान डॉ. जसजीत सिंह का कहना है कि सरकारी विभागों में तैनात मुलाजिमों को निजी अस्पतालों से इलाज करवाने के लिए बिलों का भुगतान लेने के लिए कई साल तक चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसके बावजूद उन्हें पूरी राशि की अदायगी नहीं होती। ऐसे में बिलों के जल्द भुगतान के लिए सरकार को नीति तैयार करनी होगी। पड़ोसी राज्यों में सीनियर सिटीजन को सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में मुफ्त सेवाएं मुहैया करवाने का प्रवाधान होना चाहिए।  

मेडिकल शिक्षा सस्ती होनी चाहिए

नीमा के प्रधान डॉ. अनिल नागरथ का कहना है कि सरकारी मेडिकल कालेजों की स्थिति काफी दयनीय है। वहीं मेडिकल शिक्षा पिछले तीन साल से महंगी हो रही है। राज्य सरकार को मेडिकल कॉलेजों की हालत में सुधार करने के लिए बजट में प्रावधान करना चाहिए। सरकारी व गैर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पीजी की सीटों का इजाफा होना चाहिए, ताकि बच्चों को दूसरे राज्यों में भटकना न पड़े। बजट में आयुर्वेद चिकित्सा को बढ़ाना भी मिल सकता है। 

डेंटल काॅलेजों से पासआउट विद्यार्थी न हों निराश

इंडियन डेंटल एसोसिएशन पंजाब के सचिव डॉ. सचिन देव मेहता ने डेंटिस्ट्स की निराशा दूर करने वाले बजट की संभावना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि पंजाब में डेंटल कॉलेजों की संख्या लगातार बढ़ी, लेकिन शिक्षा का स्तर बेहतर नहीं हो पाया। हर साल सैंकड़ों की तादाद में पासआउट होने वाले विद्यार्थी नौकरी न मिलने की वजह से परेशानियां झेल रहे हैं। सरकार को इन्हें नौकरी देने के अलावा निजी प्रैक्टिस शुरू करने के लिए आर्थिक मदद देने का भी प्रावधान रखे। 

टैक्स मुक्त हों दवाएं

होलसेल केमिस्ट आर्गेनाइजेशन के प्रधान रिशु वर्मा ने बताया कि मरीजों को मंहगी दवाइयों की काफी मार झेलनी पड़ती है। केमिस्ट भी ई-फार्मेसी के कारण आर्थिक मंदी के कगार पर पहुंच गए हैं। सरकार को केंद्र पर दबाव बनाकर दवाइयों को टैक्स मुक्त बनाना चाहिए। पंजाब में दवा इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए बजट में विशेष प्रावधान करना चाहिए। सरकारी अस्पतालों में भी मरीजों को मिलने वाली दवाइयों का दायरा बढ़ाना चाहिए।

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