आज न जाएं किसी अस्पताल, Doctors की है हड़ताल, Emergency रहेगी खुली Jalandhar News
जिले के निजी और सरकारी अस्पतालों के डाक्टर आज हड़ताल पर रहेंगे। वे ओपीडी मे किसी मरीज को नहीं देखेंगे सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं बहाल रहेंगी।
जागरण संवाददाता, जालंधर। आइएमए ने नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) बिल लोक सभा में पास होने के विरोध में कामकाज ठप करने की घोषणा की है। हड़ताल के दौरान डाक्टर्स बुधवार को सुबह नौ बजे आइएमए हाउस में बैठक कर रोष व्यक्त करेंगे। आइएमए ने निजी अस्पतालों के साथ ही सरकारी अस्पतालों में भी ओपीडी ठप बंद करने की घोषणा की है। पीसीएमएस डाक्टर्स एसोसिएशन तथा पीसीएमएस स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी आइएमए को समर्थन दिया है। हालांकि हड़ताल संबंधी सेहत विभाग को इस संबंध में सूचना नहीं है। नीमा व आईमा ने हड़ताल में न जाने का फैसला लिया है। वहीं आइडीए ने भी चुप्पी साधी हुई है।
आइएमए के प्रधान डॉ हरीश भारद्वाज ने बताया कि बुधवार को सुबह छह बजे से लेकर वीरवार को सुबह छह बजे तक डॉक्टर कामकाज ठप कर रोष व्यक्त करेंगे। हड़ताल के दौरान सभी निजी और सरकारी अस्पतालों में मरीजों को केवल इमरजेंसी सेवाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने डाक्टरों व मेडिकल कॉलेजों के विद्यार्थियों विरोधी बिल पास किया है। उन्होंने केन्द्र सरकार को बिल में स्टेंडिंग कमेटी की सिफारिशों को प्रमुखता से लागू करने की गुहार लगाई है। बता दें कि जिले में आइएमए के 1350 के करीब सदस्य हैं।
पीसीएमएस डाक्टर्स करेंगे समर्थन पीसीएमएस स्पेशलिस्ट
डाक्टर्स एसोसिएशन के प्रदेश प्रधान डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि बुधवार को आइएमए की ओर से 24 घंटे ओपीडी सेवाएं बंद करने के लिए पूर्ण समर्थन देंगे। उन्होंने सरकारी अस्पतालों में ओपीडी भी ठप करने के लिए डाक्टरों को कहा है। पीसीएमएस डाक्टर्स एसोसिएशन के प्रधान डॉ. हरीश भारद्वाज ने कहा कि जिले के सरकारी अस्पतालों व डिस्पेंसरियों में तैनात सदस्य हड़ताल का समर्थन करने के लिए ओपीडी बंद रखेंगे।
हड़ताल के बारे में नहीं कोई सूचना
सिविल सर्जन डॉ. गुरिदंर कौर तथा सिविल अस्पताल की मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. मनदीप कौर का कहना है कि इस हड़ताल के बारे में कोई सूचना नहीं है। अगर ओपीडी सेवाएं बंद होती हैं तो विभाग के पास कोई विकल्प नही है और मरीजों को परेशानियों से जूझना पड़ेगा।
ब्रिज कोर्स के विरोध से अन्य संस्थाएं आइएमए से खफा
नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) का बिल पास होने के आइएमए के विरोध को लेकर डॉक्टरों की अन्य संस्थाएं खफा हैं। आइएमए ने केन्द्र सरकार की ओर से डेंटल व आयुर्वेदिक डाक्टरों को राष्ट्रीय स्तर पर ब्रिज कोर्स करवाने के मामले का विरोध किया था। ज्यादातर आयुर्वेदिक व डेंटल डाक्टर ब्रिज कोर्स करने के हक में थे। ।
इंडियन डेंटल एसोसिएशन ने चुप्पी साधी
इंडियन डेंटल एसोसिएशन (आइडीए) के प्रदेश सचिव डॉ. सचिन देव मेहता का कहना है कि नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) बिल के लोक सभा में पास होने के बाद आइएमए की ओर से रोष व्यक्त करने की कोई सूचना नहीं मिली है। अगर आइएमए के पदाधिकारी हड़ताल में समर्थन मांगने के लिए संपर्क करेंगे तो अपातकालीन कार्यकारिणी की बैठक कर निर्णय लिया जाएगा।
हड़ताल में समर्थन देने वालों की खत्म हो सकती है मान्यता
आइएमए की ओर से हड़ताल में समर्थन देने के लिए नीमा और आइमा ने हाथ खींच लिया है। नीमा के प्रदेश प्रधान डॉ. परविन्दर बजाज ने बताया कि नीमा सेंट्रल कौंसिल की ओर से आइएमए की ओर से एनएमसी बिल के विरोध में हड़ताल में समर्थन न देने की सख्त हिदायतें जारी हुई है। हिदायतें सभी ब्रांचों को भेजी गई हैं। सेंट्रल कौंसिल ने एनएमसी बिल के खिलाफ हड़ताल में समर्थन देने वाली ब्रांचों की मान्यता रद्द करने का फरमान दिया है। नीमा के डॉक्टर रोजमर्रा की तरह मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाएंगे। आइमा जालंधर के प्रधान डॉ. जसजीत सिंह ने कहा कि संस्था की ओर से आइएमए की हड़ताल में समर्थन नहीं किया जाएगा। ब्रिज कोर्स आयुर्वेद डाक्टरों के हित में था और आइएमए की ओर से विरोध कर उसे रद्द करवाया था।
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