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जालंधर में भूमिगत जल दोहन के लिए डिजिटल वाटर फ्लो मीटर जरूरी, तमाम इकाइयों के लिए जरूरी बनाया गया

जालंधर में भूमिगत जल दोहन करने वाली तमाम तरह की औद्योगिक इकाइयों के लिए अपने परिसर में टैंपर प्रूफ डिजिटल वॉटर फ्लो मीटर लगवाना जरूरी बना दिया गया है। जालंधर इंडस्ट्रियल फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह सग्गू ने गाइडलाइंस जारी होने की पुष्टि की है।

By Vinay kumarEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 10:36 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 10:36 AM (IST)
सीजीडब्ल्यूए ने डिजिटल मीटर लगाने की गाइडलाइंस जारी कर दी हैं।

जालंधर, जेएनएन। भूमिगत जल दोहन करने वाली तमाम तरह की औद्योगिक इकाइयों के लिए अपने परिसर में टैंपर प्रूफ डिजिटल वॉटर फ्लो मीटर लगवाना जरूरी बना दिया गया है। इस संबंध में सेंट्रल ग्राउंड वॉटर अथॉरिटी (सीजीडब्ल्यूए)  की तरफ से गाइडलाइंस जारी कर दी गई हैं।

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गाइडलाइंस के मुताबिक डिजिटल वाटर फ्लो मीटर लगाने के लिए 10 हजार लीटर प्रतिदिन से कम भूमिगत जल दोहन करने वाली छोटी एवं सूक्ष्म औद्योगिक इकाइयां भी बाध्य होंगी। जालंधर इंडस्ट्रियल फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह सग्गू ने भी सीजीडब्ल्यूए की तरफ से उक्त गाइडलाइंस जारी होने की पुष्टि की है।

गाइडलाइंस के मुताबिक डिजिटल वाटर फ्लो मीटर न लगवाने वाली इकाइयों का भूमिगत जल दोहन अवैध घोषित कर दिए जाएगा। फ्लो मीटर न लगवाने वाली इकाइयों से पेनल्टी भी वसूली जाएगी। ऐसी इकाईयों की तरफ से ली गई एनओसी को कैंसिल कर दिया जाएगा और एनओसी के लिए किए गए आवेदन को रिजेक्ट कर दिया जाएगा।


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