जालंधर में धार्मिक स्थानों पर घटी श्रद्धालुओं की संख्या, कारोबार को पहुंचा तगड़ा नुकसान
जालंधर में बढ़ते कोरोना वायरस मामलों के बीच धार्मिक स्थलों पर सजी दुकानों का कारोबार चौपट हो गया है। वर्तमान में नाममात्र श्रद्धालु ही मंदिरों में जा रहे हैं।
जालंधर [शाम सहगल]। सरकार और जिला प्रशासन की ओर से धार्मिक स्थान खोलने को लेकर दी गई राहत के बावजूद श्रद्धालु फिलहाल पहले की तरह नहीं पहुंच रहे हैं। बड़ा कारण यह भी है कि सरकारी गाइडलाइंस के मुताबिक मंदिर प्रबंधक कमेटियों ने श्रद्धालुओं को धार्मिक स्थान पर आते समय पूजा का सामान और प्रसाद लगाने पर रोक लगाई हुई है। इससे धार्मिक स्थानों में चल रही दुकानें बंद होने के कगार पर आ पहुंची हैं। कई जगहों पर तो दुकानें बंद भी हो चुकी हैं। बाकी स्थानों पर अंतिम सांसें गिन रही हैं।
कोरोना वायरस महामारी के बीच सरकार ने सभी धार्मिक स्थान 22 मार्च से बंद कर दिए गए थे। अनलॉक प्रक्रिया में इन्हें शाम 6.30 बजे तक खोलने की इजाजत दी गई है। बावजूद इसके शहर में तेजी के साथ बढ़ रहे कोरोना वायरस पॉजिटिव केसों के चलते लोग धार्मिक स्थानों पर आने से भी कतरा रहे हैं। इसका असर सीधे रूप से कारोबार पर पड़ा है।
सिद्ध शक्तिपीठ में भी सीमित रह गई दुकानें
सिद्ध शक्तिपीठ मां त्रिपुरमालिनी धाम, श्री देवी तालाब मंदिर में भी पूजा का सामान और प्रसाद बेचने वाली दुकानें सीमित ही बची हैं। इन पर भी कारोबार ना के बराबर है। कारण, धार्मिक स्थानों पर ना तो प्रसाद का भोग लगाया जा रहा है और ना ही भक्तों को वितरित हो रहा है। श्री देवी तालाब मंदिर प्रबंधक कमेटी के महासचिव राजेश विज बताते हैं कि जिला प्रशासन की गाइडलाइंस के मुताबिक ही भक्तों को मंदिर में माथा टेकाने की व्यवस्था की गई है।
सोढल मेला भी नहीं चला सका कारोबार
अनंत चौदस पर लगने वाले विश्व विख्यात श्री सिद्ध बाबा सोढल का मेला भी इस बार उक्त कारोबार को रफ्तार नहीं दे सका। जिला प्रशासन नहीं ने इस बार मेला करवाने पर प्रतिबंध लगा रखा था तो वहीं दूसरी तरफ मंदिर के आसपास भी किसी तरह का स्टाल या फिर लंगर लगाने पर रोक लगाई हुई थी।
दुकानदारों की बड़ी परेशानी
धार्मिक स्थानों के आसपास दुकान सजाकर रोजगार चला रहे हैं जसपाल सिंह बताते हैं कि जिला प्रशासन की हिदायतों के मुताबिक श्रद्धालुओं के धार्मिक स्थान पर जाने से कारोबार पूरी तरह से ठप हो चुका है। यहां तक की शहर में होने वाले धार्मिक आयोजनों पर भी प्रतिबंध लगने से परेशानी बढ़ गई है।
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