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Punjab Bus Strike: अगले सप्ताह फिर हो सकता है सरकारी बसों का चक्का जाम, कांट्रेक्ट मुलाजिम पक्का किए जाने पर अड़े

पंजाब रोडवेज पनबस कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन के जालंधर इकाई के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह ने कहा कि मुलाजिम वादे के मुताबिक 29 सितंबर तक सरकार के रुख का इंतजार करेंगे। अगर पक्का न किया गया तो दोबारा हड़ताल की जाएगी।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 12:57 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 12:57 PM (IST)
Punjab Bus Strike: अगले सप्ताह फिर हो सकता है सरकारी बसों का चक्का जाम, कांट्रेक्ट मुलाजिम पक्का किए जाने पर अड़े
पंजाब रोडवेज कांट्रेक्ट वर्कर्स ने पक्का न किए जाने पर फिर से हड़ताल पर जाने का एलान किया है।

जागरण संवाददाता, जालंधर। अगर पंजाब रोडवेज एवं पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (पीआरटीसी) के कांट्रेक्ट मुलाजिम पक्के नहीं होते हैं तो फिर अगले सप्ताह से सरकारी बसों का चक्का एक बार फिर से जाम हो जाएगा। प्रदेश में हुए राजनीतिक फेरबदल के चलते अब मुख्यमंत्री की कुर्सी चरणजीत सिंह चन्नी के पास है, लेकिन कांट्रेक्ट मुलाजिम यूनियन से कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री काल के दौरान मुलाजिमों को पक्का करने का वादा किया गया था। आश्वासन दिया गया था कि 29 सितंबर से पहले कांट्रेक्ट मुलाजिमों को पक्का करने की मांग पर गंभीरता से विचार होगा और इस संबंध में कानूनी राय भी ली जाएगी। इसके बाद हड़ताल 29 सितंबर तक स्थगित कर दी गई थी। इसी बीच, कांट्रेक्ट मुलाजिमों के सेवाकाल के संबंध में संबंधित डिपो से जानकारी भी मंगवाई जाने लगी थी।

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इसी बीच राजनीतिक उठापटक के मध्य मुख्यमंत्री बदल गए और अब 29 सितंबर को मात्र 9 दिन बाकी बचे हैं। अगर इन 9 दिन में मुलाजिम पक्के हो जाते हैं तब तो हड़ताल नहीं होगी अन्यथा 29 सितंबर से एक बार फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। पंजाब रोडवेज पनबस कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन के जालंधर इकाई के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह ने कहा कि मुलाजिम वादे के मुताबिक 29 सितंबर तक सरकार के रुख का इंतजार करेंगे और उसके बाद फिर हड़ताल शुरू होगी।

6 सितंबर की हड़ताल में प्रभावित हुई थी 2000 बसें 

पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी कांट्रेक्ट वर्कर्स ने पक्का किए जाने की मांग को लेकर 6 सिंतबर से राज्यव्यापी हड़ताल शुरू की थी। इसके कारण करीब 2000 सरकारी बसों का संचालन ठप हो गया था। विशेष तौर से पंजाब से लंबे रूट की बसों के संचालन में परेशानी आई थी। पड़ोसी राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के लिए सीधी बसों की किल्लत हो गई थी। करीब एक सप्ताह की हड़ताल के बाद पंजाब सरकार ने हड़ताली मुलाजिमों से बातचीत में उन्हें वेतन बढ़ाने और पक्का करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद 29 सितंबर तक हड़ताल स्थगित कर दी गई थी।  

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