जालंधर में बेबस पिता के कंधे पर बेटी का शव, दैनिक जागरण की खबर के बाद टूटी नींद, सुखबीर बादल ने भी उठाए सवाल
जालंधर में एक बेबस पिता अकेले ही कंधे पर बेटी का शव लेकर पहुंचा। लोगों को शक था कि बेटी कोरोना पाजिटिव थी। इस कारण उसकी किसी ने मदद नहीं की। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन की नींद टूटी है।
जेएनएन, जालंधर। जालंधर के रामनगर इलाके में एक भयावह तस्वीर सामने आई जिसमें एक बेबस पिता मासूम बेटी का शव कंधे रखकर ले जा रहा था। इसका वीडियो वायरल हुआ। दैनिक जागरण ने इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया और व्यवस्था पर सवाल उठाया। खबर का ही असर रहा कि सरकार, प्रशासन, पक्ष और विपक्ष नींद से जागा।
अब दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर की कटिंग को ट्वीट करते हुए शिअद प्रधान व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने लिखा, ''यह चौकाने वाला है कि लोगों को पंजाब में कोरोना संक्रमण के कारण मृत परिवार के सदस्यों का इस तरह से अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया जा रहा है और सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने फार्म हाउस में सो रहे हैं। कृपया जागो और कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने के लिए जालंधर प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई करें। राज्य का दौरा करें और लोगों की समस्याओं का समाधान करें।
It is shocking people are being forced to cremate #COVID19 dead family members in Punjab in this manner & CM @capt_amarinder is sleeping in his farm house. Pl wake up & act against Jalandhar admin for not following Covid protocols. Visit the State & address problems of people. pic.twitter.com/gGZOVc17ER— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) May 15, 2021
बता दें, पिता अपनी बीमार बेटी को लेकर तीन दिन जालंधर व अमृतसर के बड़े सरकारी अस्पतालों के चक्कर काटता रहा। किसी अस्पताल ने डाक्टरों की कमी का बहाना बनाया तो कहीं 11 साल की मासूम की मौत के बाद न तो उसका शव पैक किया गया और न ही उसे शव लेकर जाने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध करवाई। दरअसल, वह गरीब था। फिर भी पिता ने एंबुलेंस की व्यवस्था की। किसी तरह वह बेटी के शव को लेकर घर पहुंचा और एंबुलेंस का किराया चुकाया।
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दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर की कटिंग।
बेबस पिता के मुताबिक जब उसने लोगों के बेटी को कंधा देने के मना कर दिया। कहा कि उसकी मौत कोरोना से हुई है। हम उसे कंधा नहीं दे सकते। नौ घंटे तक शव घर पर ही रहा। आखिरकार बेबस पिता ने बेटी के शव को कंधे पर रखा और अंतिम संस्कार के लिए ले गया।
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बेबस पिता दिलीप मूलरूप से ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के बड़गांव थाना क्षेत्र का निवासी है और 21 साल पहले जालंधर आया था। यहीं उसने एक महिला से शादी की और उनके तीन बच्चे हैं। सबसे छोटी बेटी सोनू की मौत नौ मई को अमृतसर के मेडिकल कालेज में हुई थी। सोनू कुछ दिनों से उल्टी दस्त और बुखार से पीड़ित थी।
लोगों ने बेबस पिता की मदद इसलिए नहीं की कि उन्हें शक था कि उसकी मौत कोरोना के कारण हुई है। दैनिक जागरण की ओर से इस मामले को प्रमुखता से उठाए जाने के बाद अब जालंधर जिला प्रशासन का कहना है कि बच्ची कोरोना से नहीं हुई है। वहीं, सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने संज्ञान लेते हुए प्रशासन को हिदायत दी है कि ऐसे मामलों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त योग्य नहीं है।
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