तहसील परिसर में उड़ी कोविड-19 नियमों की धज्जियां
जिला प्रशासन द्वारा कोरोना महामारी को लेकर सरकार द्वारा दिए तमाम निर्देशों की धज्जियां प्रशासनिक कांप्लेक्स में ही उड़ाई जा रही है। यहां पर स्थित सब-रजिस्ट्रार आफिस में दिन भर लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : जिला प्रशासन द्वारा कोरोना महामारी को लेकर सरकार द्वारा दिए तमाम निर्देशों की धज्जियां प्रशासनिक कांप्लेक्स में ही उड़ाई जा रही है। यहां पर स्थित सब-रजिस्ट्रार आफिस में दिन भर लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है। आलम यह है कि सब-रजिस्ट्रार के पास बिना शारीरिक दूरी के दिनभर वसीका व उनके कारिंदे डटे रहते है। खास बात यह है कि सब-रजिस्ट्रार वन के बाहर बना वेटिग रूम भी बंद कर दिया गया, जिससे सारी भीड़ तहसील के बाहर जमा हो रही है। इसमें बीमार लोगों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल रहते है। कोरोना के बढ़ते केसों के बीच एक भी संक्रमित भीड़ में आ गया तो परिणाम गंभीर हो सकते है।
यहां पर आकर रजिस्ट्री करवाना लोगों की विवशता है। मगर जमीन बेचने व खरीदने वालों के अलावा वसीका नवीस, लंबरदार, पटवारी से लेकर वसीका नवीसों के कारिंदों की भीड़ यहां पर दिन भर रहती है। इस बीच सरकार व प्रशासन के तमाम नियमों को दरकिनार किया जा रहा है। इस बारे में सब-रजिस्ट्रार मनिदर सिद्धू बताते हैं कि वेटिग रूम में गैर जरूरी लोगों के बैठे रहने के चलते इसे बंद करवाया गया है। लिहाजा, कोविड-19 को लेकर तमाम नियमों की पालना की जाती है।
- यह है समाधान
प्रापर्टी बेचने वालों के साथ खरीदने वालों की भीड़ भी पहुंचती है। जबकि, नियमों के मुताबिक खरीदार के निजी तौर पर आने के बगैर भी उनके नाम पर रजिस्ट्री की जा सकती है। तहसील परिसर में टोकन सिस्टम ध्वस्त हो चुका है, जिसे फिर से बहाल किए जाने की जरूरत है। सब-रजिस्ट्रार आफिस के बाहर केवल उन्हीं लोगों का प्रवेश किया जाना चाहिए, जिनका सीधे रूप से प्रापर्टी के साथ संबंध है। तहसील में वसीका नवीस व उनके कारिंदों के प्रवेश पर रोक लगाकर भीड़ पर काबू किया जा सकता है।