डीसी जालंधर ने पराली नहीं जलाने वाले 30 प्रगतिशील किसानों को किया सम्मानित
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि इन प्रगतिशील किसानों ने पराली प्रबंधन के क्षेत्र में प्रशंसनीय कदम उठाए हैं। इससे उनका उवर्करों व कीटनाशकों पर भी खर्च कम हुआ है। इन किसानों के प्रयास से अन्य किसानों के लिए सकारात्मक संदेश जाएगा।
जालंधर, जेएनएन। डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने बुधवार को पराली नहीं जलाकर पर्यावरण को बचाने के लिए चल रही जंग में योगदान देने वाले 30 प्रगतिशील किसानों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स में हुए सम्मान समारोह में डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि इन किसानों ने पर्यावरण को बचाने में अहम योगदान दिया है। इससे पराली जलाने से पैदा होने वाली हानिकारक गैसों से वातावरण को बचाने में काफी मदद मिली है।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि इन प्रगतिशील किसानों ने पराली प्रबंधन के क्षेत्र में प्रशंसनीय कदम उठाए हैं। इससे उनका उवर्करों व कीटनाशकों पर भी खर्च कम हुआ है। उन्होंने कहा कि पराली को आग लगाने से मिट्टी के अहम पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। इससे जमीन की उपजाऊ शक्ति को भी नुकसान पहुंचता है। वहीं, पराली को जमीन में ही जोतने से पोषक तत्व बचते हैं और मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है।
उन्होंने कहा कि किसानों के इस कदम से सभी किसानों में एक सकारात्मक संदेश जाएगा। वे भी उनके कदमों का अनुकरण करते हुए पराली प्रबंधन के लिए आगे आएंगे। डीसी ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से किसानों को पराली प्रबंधन में सहायता के लिए कृषि मशीनरी पर भारी सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने किसानों से इन स्कीमों का लाभ उठाकर सब्सिडी दरों पर मशीनरी प्राप्त करने को कहा। कार्यक्रम में मुख्य खेतीबाड़ी अधिकारी डॉ. सुरिंदर सिंह और डॉ. नरेश गुलाटी ने कहा कि पराली प्रबंधन से न सिर्फ पराली को आग लगाने की घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है बल्कि फसलों के झाड़ में भी बढ़ोतरी हो रही है।
इन किसानों को किया गया सम्मानित
डिप्टी कमिश्नर ने जिन किसानों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया उनमें हरमेश लाल, मंगल सिंह, परगन सिंह, करनबीर सिंह संधू, जसकरन सिंह, सतनाम सिंह, अवतार सिंह, सुरजीत सिंह, बलविंदर सिंह, हरजिंदर सिंह, गुरमुख सिंह, शरणजीत सिंह, कश्मीर सिंह, हरनेक सिंह, भूपिंदर सिंह, बलजिंदर सिंह, चरनजीत सिंह, सुच्चा राम, सुरजीत सिंह, मनप्रीत सिंह, रोबनदीप सिंह, गुरदेव सिंह, गुरमेल सिंह, परमजीत सिंह, सुखचैन सिंह, रमनीक सिंह, जगदीशपाल सिंह, सुखजिंदर सिंह, हरप्रीत सिंह व लखविंदर सिंह शामिल थे।