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Facebook Live में डीसी और सीपी बोले- जिम, स्वीमिंग पूल व कोचिंग सेंटर अभी बंद रहेंगे

डिप्टी कमिश्नर वरिंदर शर्मा और पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि अब बंदिशें खुलने लगी हैं लेकिन लड़ाई खत्म नहीं हुई बस हमें सहयोग बनाकर रखना होगा।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 09:24 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 09:24 AM (IST)
Facebook Live में डीसी और सीपी बोले- जिम, स्वीमिंग पूल व कोचिंग सेंटर अभी बंद रहेंगे
Facebook Live में डीसी और सीपी बोले- जिम, स्वीमिंग पूल व कोचिंग सेंटर अभी बंद रहेंगे

जालंधर [मनीष शर्मा]। दो महीने कर्फ्यू लगा रहा। लोग परेशानी के बावजूद घरों में बंद रहे। अब केंद्र सरकार ने अनलॉक-1 की शुरुआत की है लेकिन अब भी कई तरह की पाबंदियां जारी हैैं जिनका लोगों को पालन करना होगा। सोमवार को दैनिक जागरण पंजाब के फेसबुक पेज पर लाइव हुए जालंधर के डिप्टी कमिश्नर वरिंदर शर्मा और पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि पुलिस, मेडिकल स्टाफ, प्रशासन समेत कई विभागों के कर्मचारियों ने दिन-रात ड्यूटी की। इस कारण हम कोरोना वायरस को फैलने से रोक सके। अब हम सामान्य हालात की तरफ जा रहे हैं, बंदिशें खुलने लगी हैं, लेकिन लड़ाई खत्म नहीं हुई, बस हमें सहयोग बनाकर रखना होगा।

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उन्होंने कहा कि अभी जिम, स्विमिंग पूल और कोचिंग सेंटर खोलने की इजाजत नहीं है। हमें मास्क को सुरक्षा ढाल बनाकर आगे बढ़ना होगा और शारीरिक दूरी का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर हम सब यह सावधानी बरतेंगे तो यकीनन जीत हमारी ही होगी। उन्होंने कहा कि हम जालंधर के लोगों का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने संवेदनशीलता समझी और अपना हरसंभव योगदान दिया।

डिप्टी कमिश्नर ने दिए सवालों के जवाब
सवाल : कर्फ्यू में बाहर निकलना हो तो कैसे निकलें?
डीसी : रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक पुलिस, बिजली कर्मी, सेना आदि समेत सिर्फ जरूरी सेवाओं को छूट है, आम आदमी बाहर न निकले। कोई जरूरी काम हो तो छूट के समय में निपटा लें, इस दौरान किसी पास की जरूरत नहीं।

सवाल : कार के अंदर अकेले बैठे व्यक्ति को मास्क की क्या जरूरत है?
डीसी : कानून की अपनी भाषा है। घर की चारदीवारी से बाहर आप जब भी जाएंगे तो मास्क पहनना जरूरी है। इसलिए कार में अकेले जाते वक्त मास्क पहनना होगा। अगर कहीं आप उतरेंगे तो फिर मास्क तो लगाना ही होगा।

सवाल : शॉपिंग, मॉल व थियेटर कब खुलेंगे?
डीसी : आठ जून से खुलने की संभावना है। सात तारीख को हमें इन्हें खोलने का तरीका मिल जाएगा कि क्या एहतियात बरतनी है। फिर आपको बता देंगे।

सवाल : जिम कब खुलेंगे, यहां खतरा क्यों ज्यादा है?
डीसी : जिम व स्वीमिंग पूल अभी बंद ही रहेंगे। स्वीमिंग पूल में हमें पता नहीं चलता कि कब हमारे मुंह में पानी चला गया। जिम में भी एक ही मशीन सब इस्तेमाल करते हैं। सरकार भी जिम खोलना चाहती है ताकि आप सेहतमंद रहें व सुंदर दिखें, यह हमारी भी प्राथमिकता है, लेकिन इसमें नजदीकी संपर्क है, इसलिए अभी मना किया गया है।

सवाल : जिमखाना क्लब में इंडोर व आउटडोर खेलों की सुविधा कब मिलेगी।
डीसी : जिम व स्वीमिंग पूल की मनाही रहेगी। वहां की मैनेजमेंट चाहे तो बाकी गेम्स पर फैसला ले सकते हैं।

सवाल : धार्मिक स्थल आठ से खुलेंगे तो क्या सावधानी बरतनी होगी?
डीसी : सरकार ने आठ जून से खोलने की बात कही है लेकिन इसका समय और तरीका क्या होगा? इसके बारे में सात जून तक आदेश आएंगे। इतना जरूर है कि हमें शारीरिक दूरी बनानी होगी। एक ही बर्तन से प्रसाद तैयार करना, देना, छूना समेत जिन भी चीजों को बहुत से व्यक्तियों के छूने से संक्रमण का खतरा रहेगा, उसका हमें ध्यान रखना होगा।

सवाल : जिन प्राइवेट ऑफिस में घर से काम चल सकता है, उनके स्टाफ को दफ्तर बुलाया जा रहा है।
डीसी : जिनका ऑफिस है, उनको उसे खोलने की आजादी है। जब तक जनहित न हो, हम उसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते। हमें दो महीने कर्फ्यू लगाना पड़ा, वो भी हम नहीं चाहते थे। अब सब दफ्तर खुल रहे हैं तो प्राइवेट भी खुलेंगे। यह सलाह जरूर है कि अगर घर से काम कर सकते हैं तो करिए लेकिन अगर मैनेजमेंट आपको दफ्तर बुलाती है तो हमारा उसमें हस्तक्षेप संभव नहीं।

सवाल : थोड़े विद्यार्थियों के साथ कोचिंग सेंटर खोलने की इजाजत दे दीजिए।
डीसी : मेरे भी दो बच्चे स्कूल जाते हैं और मुझे भी चिंता है। लगातार स्क्रीन पर पढऩे से उनकी आंखों में दबाव पड़ रहा है। अभी मजबूरी है। फिलहाल जुलाई तक ऐसी संभावना नहीं है। इसके लिए कई बड़े एक्सपर्ट बैठे हैं, उनकी रिसर्च के आधार पर सरकार जो भी फैसला करेगी। मैं पहला डीसी होऊंगा, जो इसे तुरंत लागू करूंगा।

सवाल : पार्क में ओपन जिम चल सकते हैं?
डीसी : जिम में कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है लेकिन वहां बार-बार एक ही मशीन को छुएंगे तो संक्रमण का खतरा रहेगा। यह भी बंद ही रहेंगे।

सवाल : अंतरराज्यीय सफर करना हो तो क्या कर सकते हैं?
डीसी : दूसरे राज्य जाने के लिए पास की जरूरत नहीं है। सुबह पांच बजे से रात के नौ बजे तक आप आ-जा सकते हैं। इसमें सेहत विभाग की हिदायतों का पालन करना होगा।  

सवाल : लोगों के पास काम नहीं था, फिर भी चालान काटे जा रहे हैं? जुर्माना कहां से भरें?।
डीसी : लोग हमें कनाडा व अमेरिका का उदाहरण देते हैं कि वहां कितनी सख्ती है। हमारे देश में तो जुर्माना कुछ भी नहीं है। यह आपके भले के लिए ही हो रहा है। अगर आप बाहर आते हैं तो ट्रैफिक नियमों का पालन करें, मास्क पहनें, आपका चालान नहीं होगा।
 

पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर से भी लोगों ने पूछे सवाल
सवाल : अब भी कई लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं, शारीरिक दूरी भी नहीं रख रहे।
सीपी : हमारी इसमें जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है। इसमें कोई लिहाज नहीं। आपको पता लगे तो हमें कंट्रोल रूम नंबर 112 पर बताएं।

सवाल : कई दुकानें रात तक खुल रही हैं?
सीपी : पुलिस ऐसी किसी दुकान को नहीं छोड़ेगी। उनके खिलाफ सख्त एक्शन होगा। एक दुकान का वीडियो मुझे आया तो हमने उसके खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। मेरी अपील है कि कानून आपके फायदे के लिए है, छोटे या निजी फायदे के लिए इसे न तोड़ें।

सवाल : कोई कर्फ्यू का नियम तोड़ता है तो शिकायत कहां करें?
सीपी : हमारा कंट्रोल रूम 112 है, थाने या पीसीआर को सूचना दें, हम तुरंत कार्रवाई करेंगे। जो लोग कानून मान रहे हैं, उनको हम कानून तोडऩे वालों से कोई खतरा पैदा नहीं होने देंगे।
 

अखबार वितरक भी कोरोना योद्धा, इन्हें सम्मान दें
डीसी वरिंदर शर्मा और पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर ने कोरोना के खतरे के बीच अखबार वितरण करने वाले कर्मयोगियों की भरपूर सराहना की। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हम तक सामान्य दिनों की तरह अखबार पहुंचाकर उन्होंने भी फ्रंटलाइन योद्धाओं की भूमिका निभाई। उनका धन्यवाद कर हम उनकी अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं। डीसी वरिंदर शर्मा ने कहा कि अखबार वितरण बहुत मेहनत का काम है। बरसात, गर्मी, ठंड या धुंध में भी कर्मयोगी आपके घर तक अखबार पहुंचाते हैं। इसके लिए वो हर रोज चार बजे उठकर काम पर लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप वाकई इनका भला चाहते हैं तो ड्राइंग रूम में टीवी देखते हुए आंसू बहाने के बजाय कर्मयोगियों की मदद करें। पिछले दिनों अफवाहें फैली कि अखबार से भी कोरोना संक्रमण फैलता है। ऐसा किसी रिसर्च में नहीं आया कि अखबार से कोरोना फैलता है। हां, आप चाहें तो उसे देरी से पढ़ें, कुछ घंटे धूप में रख दें या सैनिटाइज करें लेकिन अखबार जरूर पढ़ें।


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